राजस्व लाखों में, फिर भी जर्जर है बस स्टैंड
मुंगेर। सरकारी बस स्टैंड। यहां यात्री सुविधा की बात ही बेईमानी सी लगती है। जबकि स्टैंड से बेगूसराय, नवादा, शेखपुरा, पटना आदि के लिए बसें खुलती है।
मुंगेर। सरकारी बस स्टैंड। यहां यात्री सुविधा की बात ही बेईमानी सी लगती है। जबकि स्टैंड से बेगूसराय, नवादा, शेखपुरा, पटना आदि के लिए बसें खुलती है। लेकिन, बस स्टैंड परिसर में न तो पानी की व्यवस्था है न ही शौचालय और मूत्रालय की। बु¨कग कार्यालय, मुसाफिर खाना आदि का भवन पूरी तरह से जर्जर होकर रह गया है। जर्जर भवन के छत से प्लास्टर टूट कर गिरते रहता है। ऐसे में लोग चाय पान की दुकान पर खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं। बारिश होने पर भी बस स्टैंड के छत से पानी टपकता है।
इस संदर्भ में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रतिष्ठान अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ¨सह ने बताया कि मैंने कई बार इस समस्या को लेकर अपने वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया। लेकिन, कोई पहल नहीं किया जा सका। बीते माह ही छत से प्लास्टर का टुकड़ा टूट कर काउंटर क्लर्क राजन कुमार के सिर पर गिर गया था, जिससे राजीव वो जख्मी हो गया। अब उसका उपचार भागलपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। नौकरी करनी है, इसलिए कर्मी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं। यात्री गायत्री देवी ने कहा कि बस स्टैंड की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। राज्य परिवहन निगम को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।