कामना शक्तिपीठ की अनूठी है मिसाल

मुंगेर । खड़गपुर अनुमंडल के दो प्रखंडों के दो पंचायत की सीमाओं पर अवस्थित गंगटा मोड़ दुर्गा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:30 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 06:30 PM (IST)
कामना शक्तिपीठ की अनूठी है मिसाल
कामना शक्तिपीठ की अनूठी है मिसाल

मुंगेर । खड़गपुर अनुमंडल के दो प्रखंडों के दो पंचायत की सीमाओं पर अवस्थित गंगटा मोड़ दुर्गा मंदिर को कामना पीठ के नाम से जाना जाता है। मां के दरबार में मन्नतें मांगने वालों की मुरादें पूरी होती है। पिछले कई दशक पूर्व दुर्गा मां की प्रतिमा गंगटा स्टेज पर बंगाली बाबू जो वाहनी बाबू के नाम से जाने जाते थे उन्हीं के द्वारा स्थापना एवं पूजन का कार्य किया जाता था ।

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प्रतिमा निर्माण एवं मेला लगना हुआ बंद

वर्ष 1955 में बंगाली बाबू के एकलौता संतान भीमबांध के कुंड में स्नान करते वक्त दुनिया को अलविदा कह गए। उसके बाद से यहां प्रतिमा निर्माण एवं मेला लगना बंद हो गया। --------------------

वर्ष 1958 में मूर्ति स्थापना का पुन: लिया गया निर्णय

भुवनेश्वर राय नामक व्यक्ति के मन में विचार आया कि गंगटा स्टेज पर बंद मूर्ति पूजा को प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कमलेश्वरी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई जिसमें मिल्की, बनहरा, गंगटा के लोग शामिल हुए। जिसमें सर्वसम्मति से मूर्ति स्थापना का निर्णय लिया। मंदिर निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता को देखते हुए योगेंद्र सिंह ने एनएच 333 पर गंगटा मोड़ से 100 मीटर की दूरी पर जमीन देने की घोषणा की। तत्पश्चात मंदिर निर्माण के साथ पूजा प्रारंभ कर दिया गया।

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कहते है स्थानीय गणमान्य

रामनिवास सिंह, विभाष, सिंह, सुनील कुमार सिंह, बंटी सिंह, पंकज सिंह, शम्भू सिंह, निक्कू, मुन्ना, रूपेश सहित अन्य ने बताया कि यहां के मेले में बनहरा, गंगटा, मंझगांय एवं दरियापुर पंचायत के महिला, पुरुष श्रद्धालु के अलावे छोटे छोटे बच्चे शिरकत करते हैं। उक्त लोगों ने यहां की कमेटी को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया है।

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