गंगा दशहरा के मौके पर गंगा स्नान को उमड़े श्रद्धालु

मुंगेर । सोमवार को गंगा दशहरा के मौके पर कष्टहरणी घाट सहित जिला के विभिन्न गंगा घाट

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:19 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 07:19 PM (IST)
गंगा दशहरा के मौके पर गंगा स्नान को उमड़े श्रद्धालु
गंगा दशहरा के मौके पर गंगा स्नान को उमड़े श्रद्धालु

मुंगेर । सोमवार को गंगा दशहरा के मौके पर कष्टहरणी घाट सहित जिला के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। सुबह से ही श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए जुटने लगे। बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों ने गंगा स्नान किया। आस्था के आगे कोरोना संक्रमण के खौफ ने भी हार मान ली थी। जय जय गंगे के जयघोष से गंगा घाट गूंज उठा।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं कष्टहरणी घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर सहित विभिन्न देवी देवताओं की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की। मुंगेर शहर के अलावा सीताकुंड डीह, महेशपुर, मनियारचक आदि गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। कष्टहरणी गंगा घाट पर भगवान जगन्नाथ मंदिर का पट खुला। जहां महंथ देवनायक दास ने अपने सहयोगियों के साथ भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की। गंगा दशहरा के मौके पर शतक्रमाश्रम न्यास समित के प्रधान मुकेश बाबा ने विशेष पूजा अर्चना के साथ हवन भी किया। उन्होंने कहा कि शुभ मुर्हूत में गंगा स्नान और पूजन करना विशेष लाभकारी होता है। उन्होंने कहा कि संकट से मुक्ति के लिए आज के दिन दान किया जाता है।

----------------------------------------------------

दिन भर चलता रहा दान देने का दौर :

गंगा दशहरा को लेकर दिन भर दान दक्षिणा देने का क्रम जारी रहा। गंगा दशहरा के दिन दान करने की महत्ता पर चरौन के पंडित कैलाश ठाकुर ने कहा कि गंगा दशहरा के दिन दान करने का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को पानी से भरा हुआ घड़े का दान जरूर करना चाहिए। राहगीरों को पानी पिलाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा के दिन दान किए गए वस्तुओं की संख्या दस होनी चाहिए। फल दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। दस वस्तुओं से पूजन करना चाहिए।

--------------------------------------------------------

गंगा स्नान करने से मिलता है मनोवांछित फल :

मां गंगा का अवतरण ही मानव के लिए प्रेरणादायी है। गंगा स्नान करने से लोगों को मनोवांछित फल मिलता है। पंडित कैलाश ठाकुर ने कहा कि राजा भागीरथ के कठिन प्रयासों से मां गंगा धरती पर अवतरित हुई हैं। उन्होंने कहा कि गंगा दशहरा के दिन दान करने से मानव पूण्य के भागीदार होते हैं। गंगा दशहरा दस पापों का नाश करती है। साथ ही मानव को तीन महत्वपूर्ण सीख भी प्रदान करता है। प्रयास, परीक्षा और धैर्य। इसके बाद ही मानव को सफलता मिलती है। प्रयास, लक्ष्य प्राप्ति की प्रथम शर्त है। परीक्षा दूसरा सोपान है। धैर्य तीसरा प्रमुख सूत्र है।

chat bot
आपका साथी