नेताजी चुनाव प्रचार में, व्यवसाय हो रहा चौपट
मुंगेर। प्रखंड के एक नेता जी को अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए अपना व्यवसाय को छोड़कर नेताज
मुंगेर। प्रखंड के एक नेता जी को अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए अपना व्यवसाय को छोड़कर नेताजी के चुनाव प्रचार में व्यस्त देखा जा रहा है। इस चक्कर में नेताजी अपने दुकान पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। नेताजी एक पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष है। इसलिए उनको अपने प्रत्याशी के साथ चुनाव प्रचार में घुमना मजबुरी है। नेताजी का पोशाक भी देखने लायक है। इतना सब ठीक है, लेकिन नेताजी के प्रचार के कारण उनके व्यवसाय पर असर पड़ रहा है। जिनके कारण नेताजी को अपने श्रीमती जी से बातें सुननी पड़ती है। नेताजी की यह समस्या है कि अगर प्रचार नहीं करेंगे तो पार्टी के जिला अध्यक्ष से बात सुननी पड़ेगी, दुकान नहीं खोलते हैं तो श्रीमति जी नाराज होंगी। नेताजी इस चक्कर से बाहर निकलने के लिए रास्ता खोज लिया । सुबह में वे दुकान पर बैठते हैं तथा सारी कमाई पत्नी के हाथ में देकर चुनाव में प्रत्याशी के साथ घुमते हैं । आफिस खर्च के कुछ पैसे बचाकर घर में दे देते हैं। जिससे अब पत्नी भी खुश, प्रत्याशी भी खुश और नेताजी की बल्ले-बल्ले है।