जर्जर पाइप से आपूर्ति, घरों तक नहीं पहुंच रहा पेयजल
जागरण संवाददाता मुंगेर शहर की आधी जनसंख्या अंग्रेजों की बनाई जलापूर्ति पर ही निर्भर है
जागरण संवाददाता, मुंगेर: शहर की आधी जनसंख्या अंग्रेजों की बनाई जलापूर्ति पर ही निर्भर हैं। जी हां, अंग्रेजी शासन काल के 1906 में मुंगेर शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को लेकर कस्तूरबा वाटर वर्क्स में लगाए गए संयत्र व शहर बिछाए गए पाइप लाइन से ही आज शहर के करीब आधी जनसंख्या पानी पी रही है। लगभग सौ वर्ष पहले लगे यह संयत्र व पाइप लाइन पुराने और जर्जर हो चुके हैं नतीजन जर्जर पाइप शहर के जलापूर्ति व्यवस्था के लिए अभिशाप बना हुआ है। जर्जर पाइप लाइन का कई जगहों पर नालियों के साथ कनेक्शन होने के कारण कई बार पेयजल आपूर्ति के दौरान गंदा पानी भी लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। रविवार को भी शहर के बड़ी संगत रोड में लीकेज पाइप से न सिर्फ पानी की बर्बादी हो रही थी बल्कि पानी के बहाव से सड़कों पर हुए कीचड़ के कारण लोगों को आने जाने में भी परेशानी हो रही थी। हालांकि, कस्तूरबा वाटर वर्क्स के अधीक्षक निरंजन कुमार निराला ने सूचना मिलते ही लीकेज को ठीक करवाया। वाटर वर्क्स अधीक्षक ने बताया कि जलापूर्ति को लेकर किए जा रहे नए काम के दौरान भी एजेंसी कर्मियों ने पुराने पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है और उसे ठीक नहीं कराने के कारण आए दिन इन समस्याओं से परेशानी होती है। गौरतलब है कि पुरानी जलापूर्ति व्यवस्था से मुंगेर नगर निगम के मात्र 22 वार्डो में ही पेयजल की आपूर्ति होती है। पूरे शहर में जलापूर्ति को लेकर शुरू हुई योजना लंबे समय से जारी है लेकिन अब तक जमीन पर नहीं उतर पाइ है। इसके के लिए अब तक सरकार की करोड़ो रूपए खर्च भी हो चुके है। -------------- कोट -नई जलापूर्ति योजना का पहला फेज नए साल में मार्च तक शुरू हो जाएगा। सबसे पहले इसकी शुरुआत वार्ड संख्या 29,30 व 31 में होगी। वार्ड संख्या 32 के कुछ क्षेत्रों में भी पेयजल आपूर्ति पहले फेज में शुरू होगी। शेष वार्डो के लिए काम जारी है। -रूमाराज, मेयर नगर निगम, मुंगेर