चहारदीवारी के अभाव में एचएस कॉलेज परिसर बना पशुओं का चारागाह

मुंगेर । हरि सिंह महाविद्यालय परिसर इन दिनों पशुओं का चारागाह बनकर रह गया है। महाविद्याल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 09:34 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:13 AM (IST)
चहारदीवारी के अभाव में एचएस कॉलेज परिसर बना पशुओं का चारागाह
चहारदीवारी के अभाव में एचएस कॉलेज परिसर बना पशुओं का चारागाह

मुंगेर । हरि सिंह महाविद्यालय परिसर इन दिनों पशुओं का चारागाह बनकर रह गया है। महाविद्यालय में चाहर दीवारी व मुख्य दरवाजे पर गेट नहीं रहने के कारण महाविद्यालय परिसर स्थित मैदान में हर वक्त पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। पशुओं के जमावड़े के कारण महाविद्यालय में पठन-पाठन के अलावे नामांकन के लिए आने वाले छात्र छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मामले को लेकर विद्यार्थियों द्वारा कई बार महाविद्यालय प्रशासन को समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। महाविद्यालय प्रशासन अपनी मजबूरी व लाचारी सुना कर विद्यार्थियों को वापस भेज देते हैं। महाविद्यालय मैदान के अलावे भवनों की भी स्थिति जर्जर हो चुकी है। तेज बारिश में प्रशासनिक भवन का हर कमरे में पानी टपकता है। बताते चलें कि वर्ष 2018 में तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नलिनी कांत झा ने एचएस कॉलेज का भी निरीक्षण किया था। जहां प्राचार्य प्रो डॉ. रंजन कुमार सिंह द्वारा सारी स्थिति व समस्याओं से उन्हें अवगत कराया गया था। समस्याओं को सुनने के बाद कुलपति ने जल्दी समस्याओं का निदान करने की बात कहते हुए योजना को स्वीकृति भी दी थी। तिलामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय तथा मुंगेर विश्वविद्यालय के विभाजन के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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क्या कहते हैं महाविद्यालय के छात्र

इस संबंध में छात्र पोखरिया गांव निवासी रोहित कुमार ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में अक्सर पशुओं का जमावड़ा रहने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

तिलवरिया गांव निवासी राहुल कुमार ने बताया कि महाविद्यालय में चहारदीवारी होनी चाहिए, ताकि महाविद्यालय परिसर सुरक्षित रह सके। मनिहारी गांव निवासी सागर कुमार ने बताया कि नामांकन के लिए आने के क्रम में कभी-कभी पशु छात्र छात्राओं को मारने के उद्देश्य दौड़ा देते हैं।नवटोलिया निवासी आर्यन कुमार ने बताया कि महाविद्यालय में चाहरदीवारी नहीं होने के कारण पशुओं के साथ-साथ असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है।

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क्या कहते हैं एचएस कॉलेज के प्राचार्य:

एचएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ रंजन कुमार सिंह ने कहा कि 2018 में चाहर दिवारी स्वीकृत हुई थी। लेकिन विश्वविद्यालय के विभाजन के बाद चाहर दीवारी के अलावे महाविद्यालय के भवन मेंटेनेंस कार्य अभी तक अधर में लटका हुआ है। छात्र-छात्राओं को भी पशुओं से परेशानी होती है। सारी समस्याओं से मुंगेर विश्वविद्यालय को अवगत कराया गया है।

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