नए सिरे से उद्योग चालू कर मजदूरों को रोजगार दें : राजद
संवाद सूत्र धरहरा(मुंगेर) सरकार को प्रवासी मजदूरों के दुख दर्द की चिता नहीं है। प्रवासी
संवाद सूत्र, धरहरा(मुंगेर) : सरकार को प्रवासी मजदूरों के दुख दर्द की चिता नहीं है। प्रवासी मजदूरों को यदि चिता है तो सरकार को उद्योग धंधे लगाना चाहिए। उक्त बातें राजद के जिलाध्यक्ष देवकीनंदन सिंह, राज्य परिषद सदस्य नरेश सिंह यादव, उपाध्यक्ष संजय सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, जिला महासचिव सह मीडिया प्रभारी गजेंद्र कु हिमांशु उर्फ अरविद ने कही। राजद नेताओं ने कहा कि कहा कि अगर वास्तव में सरकार प्रवासी बिहारी मजदूरों की हितैषी है तो उनके लिए मुंगेर में ही क्यों नहीं नए सिरे से रोजगार की अपार संभावनाओं पर विचार कर रही है। अनेक खनिज संपदाओं से लैश धरहरा प्रखंड में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
धराहरा के पहाड़ी इलाकों में कागज बनाने के घास भरपूर मात्रा में उपलब्ध है।
जिसका सदुपयोग कर सरकार कागज की फैक्ट्री लगाकर हजारों लोगों को रोजगार दे सकती है। राजद नेता ने कहा कि धरहरा के पहाड़ी इलाके में वर्षों पहले बड़े पैमाने में भेड़ पालन हुआ करता था। जिससे वर्षों पहले यहां बंगलवा में कंबल बनाने का काम होता था । जिसमें हजारों लोगों को रोजगार भी मिल रहा था। सरकार की उपेक्षा के कारण यह भी बंद हो गया है। सरकार भेड़ पालन को बढ़ावा देकर फिर से कंबल उद्योग को शुरू करवा सकती है। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा।
धरहरा प्रखंड के अंतर्गत ही स्लेट के पटिया का पहाड़ है । जिससे सरकार चाहे तो यहां स्लेट की फैक्ट्री लगाकर हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सकती है।
इतना ही नहीं अगर इस इलाके में लंबित पड़े सिचाई योजनाओं
सतघरवा जलाशय योजना, अमरासनी, गौरैया,सिचाई परियोजना को सरकार धरातल पर ले आये तो हजारों एकड़ खेतों में सिचाई के साधन सुलभ हो जाएंगे।