भू-जलस्तर में लगातार गिरावट, पेयजल संकट गंभीर, लोग त्रस्त
शहर के संपूर्ण हिस्सों में जल संकट की समस्या बनी है। सरकारी चापाकलों की मरम्मत में देरी से लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। पानी रसातल की ओर जाने से चापाकल में लगे मोटर भी हांफ रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों पर सरकारी चापाकलों के सूख जाने से समस्या और गंभीर हो गई है।
मधुबनी । शहर के संपूर्ण हिस्सों में जल संकट की समस्या बनी है। सरकारी चापाकलों की मरम्मत में देरी से लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। पानी रसातल की ओर जाने से चापाकल में लगे मोटर भी हांफ रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों पर सरकारी चापाकलों के सूख जाने से समस्या और गंभीर हो गई है। भू-जलस्तर में लगातार गिरावट से से शहर के वार्ड संख्या 8 गंगासागर मोहल्ले में लोगों को करीब एक सप्ताह से पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इस मोहल्ले में महिला कॉलेज जाने वाली रोड में एकमात्र चापाकल पर पानी लेने वालों की भीड़ लगी रहती है। लोगों के समक्ष पानी की किल्लत बरकरार वार्ड 8 में जल संकट झेल रहे रत्नेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस मोहल्ले में नगर परिषद द्वारा माध्यम से पानी मुहैया नही कराया जा रहा है। वार्ड में सात निश्चय के तहत हर घर नल जल योजना का लाभ लोगों को अबतक नहीं मिल सका है। मोहल्ले की रानी देवी, लक्ष्मी देवी ने बताया कि चापाकल से पानी नहीं निकलने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जल संकट की समस्या बढ़ती जा रही हैं। डिब्बाबंद पानी खरीदकर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं। वहीं वार्ड पार्षद रेखा नायक ने बताया कि वार्ड क्षेत्र में हर घर नल जल का कार्य चल रहा है। शहरी क्षेत्र के खराब 150 चापाकलों में से 50 चापाकल ठीक कराने का दावा नगर परिषद के कुल 30 वार्डो में हर घर नल जल योजना पर कार्य चल रहा है। नगर परिषद की उदासीनता के कारण कार्य की गति काफी धीमी है। जिससे शहर में हर घर जल आपूर्ति नहीं हो रही है। मालूम हो कि मधुबनी नगर परिषद क्षेत्र में घरों तक जलापूर्ति योजना तीन दशक से ठप है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने बताया कि शहरी क्षेत्र के खराब 150 चापाकलों में से 50 चापाकल ठीक कराए गए हैं। शहर में 10 वाहनों द्वारा लोगों तक पानी पहुंचाने का प्रयास जारी है। पेयजल की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति महज दिखावा जिले के खजौली प्रखंड की इनरबा व सुक्की पंचायत में जलमीनार निर्माण के पांच वर्ष बाद भी इसे चालू नहीं किया गया है। सुक्की पंचायत में जलमीनार के निकट चबूतरा तक नहीं बनाया गया है। वही रहिका प्रखंड मुख्यालय स्थित नवनिर्मित 50 हजार गैलन की क्षमता वाली जलमीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। जलमीनार निर्माण के बाद लोगों के घरों तक नल लगाए गए, लेकिन पेयजल की आपूर्ति अब तक शुरू नहीं हो सकी है। पेयजल आपूर्ति हेतु कई वाटर पोस्ट दिखावा साबित हो रहा है। घोघरडीहा नगर पंचायत के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पुराना प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित जलमीनार से नगर वासियों को पानी नसीब नहीं हो रहा है।
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