जल संकट से राहत के आसार नहीं, पानी के लिए हर सुबह भटकने को विवश

मधुबनी। फिलहाल जल संकट से राहत मिलता नजर नही आ रहा है। जिला स्तर पर जल संकट और इसके कुप्रभाव से अछूता नहीं रहा। जल की किल्लत से चितित लोगों को इन दिनों हर सुबह जल के लिए भटकना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jun 2019 12:15 AM (IST) Updated:Mon, 17 Jun 2019 12:15 AM (IST)
जल संकट से राहत के आसार नहीं, पानी के लिए हर सुबह भटकने को विवश
जल संकट से राहत के आसार नहीं, पानी के लिए हर सुबह भटकने को विवश

मधुबनी। फिलहाल जल संकट से राहत मिलता नजर नही आ रहा है। जिला स्तर पर जल संकट और इसके कुप्रभाव से अछूता नहीं रहा। जल की किल्लत से चितित लोगों को इन दिनों हर सुबह जल के लिए भटकना पड़ रहा है। प्रचंड गर्मी से चापाकलों के अलावा तालाब, नदियां, झील, कुआं सूख चुका है। पानी पाताल की ओर जाने से मोटर लगे चापाकल भी पानी नही दे रहा है। जिले के कई हिस्सों में जल संकट की उत्पन्न समस्या से लोगों को निजात नही मिल रहा है। तालाबों को सूखने से लोगों को स्नान तो मवेशियों के समक्ष पीने के पानी की किल्लत देखी जा रही है। मधुबनी शहर में घरों तक जलापूर्ति योजना तीन दशक से ठप मधुबनी शहर में घरों तक जलापूर्ति योजना तीन दशक से ठप है। घरों में लगाई गई पाइप व नलों का नामोनिशान तक मिट गया। नप कार्यालय परिसर में वाटर मीनार महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। आम लोगों को पेयजल मुहैया के लिए बनाए गए वाटर स्पॉट अब नजर नहीं आते। शहर के सार्वजनिक स्थलों पर गाड़े गए सरकारी चापाकलों को सूख जाने से इस पर निर्भर लोगों को परेशानी हो रही है। शहरी क्षेत्र में करीब पांच दर्जन चापाकल पाइप व फिल्टर में गड़बड़ी के कारण बंद पड़े हैं। घरों तक नल से जल की आपूर्ति को अभी चल रही कसरत जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों में हर घर नल जल योजना के तहत लोगों को पानी मुहैया कराने की कसरत चल रही है। इस योजना के तहत अधिकांश प्रखंडों में पाईप बिछाने का कार्य पूरा नही होने के कारण लोगों को इस भीषण गर्मी में घरों तक नल से जल की आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष आनंद चौधरी ने बताया कि शहर के विभिन्न वार्डो में वाहन के माध्यम से पानी मुहैया करायी जा रही है। हर घर नल जल योजना पर कार्य चल रहा है। शहरी क्षेत्र में गाड़े गए चापाकलों को ठीक कराया जा रहा है। जल मीनार बना शोभा की वस्तु जिले के खजौली प्रखंड के इनरबा एवं सुक्की पंचायत के जल मीनार निर्माण के पांच वर्ष बाद भी इसे चालू नहीं किया गया है। रहिका प्रखंड मुख्यालय स्थित नवनिर्मित 50 हजार गैलन की क्षमता वाला जल मीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। जलमीनार चालू होने के साथ लोगों के घरों तक नल लगाई गई पेयजल की सप्लाई अब तक शुरु नही हो सकी है। पेयजल आपूर्ति हेतु कई वाटर पोस्ट दिखावा साबित हो रहा है। घोघरडीहा नगर पंचायत के आमजनों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पुराना प्रखंड कार्यालय परिसर में डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि से निर्माण कराए गए जल मीनार से नगर वासियों को अब तक पानी नसीब नहीं हो पाया है।

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