बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक के एसडीओ को रेनकट ठीक नहीं करने पर ग्रामीणों ने घेरा

मधुबनी। नेपाल एवं बिहार में लगातार हो रही बारिश ने कमला बलान नदी खतरा के निशान को पार कर गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 12:57 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 06:10 AM (IST)
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक के एसडीओ को रेनकट ठीक नहीं  करने पर ग्रामीणों ने घेरा
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक के एसडीओ को रेनकट ठीक नहीं करने पर ग्रामीणों ने घेरा

मधुबनी। नेपाल एवं बिहार में लगातार हो रही बारिश ने कमला बलान नदी खतरा के निशान को पार कर गई है। झंझारपुर में यह पुराना रेल सह सड़क पुल के गार्टर को छू रही है। कमला बलान के बाएं एवं दाएं तटबंध में कई जगह रेनकट के कारण दरार है। रेलवे स्टेशन बाजार के नवटोल, पुरानी पोखर, शिवपुरी मोहल्ला, पथराही, बलभद्रपुर के गांव के लोगों को जब कमला बलान के खतरा के निशान पार करने की जानकारी मिली तो लोग जिज्ञाशावश नदी की ओर देखने पहुंचे। झंझारपुर रेलवे स्टेशन बाजार स्थित नया बस स्टैण्ड के नजदीक 51वें किलोमीटर पर रेलवे लाइन से दक्षिण तथा नवटोल गांव से ठीक पश्चिम कमला बलान के बाएं तटबंध में रेनकट के कारण बड़ी बड़ी दरारें देख लोग सन्न रह गए। संयोगवश उसी समय बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक के एसडीओ प्रभात कुमार एवं जेई. .अजीत कुमार बांध का निरीक्षण करने पहुंच गए। लोगों ने जब यह जाना कि यही दोनों जवाबदेह अधिकारी हैं तो लोग तैश में आ गए। एसडीओ और जेई को भला बुरा कहने लगे। किसी ने एसडीओ का हाथ पकड़ा और खींचते हुए रेनकट दिखाने लगे। भीड़ ने विभाग की इस उदासीनता के कारण एसडीओ व जेई को खूब भला बुरा भी कहा। लोगों ने कहा कि देखिए- बांध पर जंगल तक की सफाई नहीं हुई है। लोगों ने अधिकारी द्वय को बताया कि यह संवेदनशील पाइंण्ट है। नदी में उछाल आने पर कमला बलान नदी की एक धारा अपने मुख्य धारा के साथ साथ इस बांध तक आती है और बांध से टकराकर दक्षिण की ओर जाती है। अगर यह पाइंट मजबूत न हुआ तो अनर्थ हो सकता है। आनन फानन में एसडीओ ने बाढ़ निरोधक कार्य करने वाले ठेकेदार को तलब किया और देखते ही देखते रेनकट को ठीक किया जाने लगा। पूछने पर एसडीओ ने कहा कि कोई बेअदबी नहीं हुई। लोगों ने आक्रोश में कुछ कह दिया। यहां यह बता दें कि रेलवे लाइन से दक्षिण भीठ भगवानपुर अवर प्रमंडल में पड़ता है। भीठ भगवानपुर अवर प्रमंडल के अधीन नवटोल से लेकर सहरसा जिला के इतरघाट तक का बांध है जिसकी कुल लंबाई करीब 52.12 किलोमीटर है।

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