अत्याधुनिक बराज निर्माण को ले अधिकारियों की टीम ने किया निरीक्षण

मधुबनी । अनुमंडल मुख्यालय से गुजरने वाली कमला नदी पर बनाए गए वियर को अत्याधुनिक बराज में बदलने को लेकर विभागीय कवायद प्रारंभ कर दी गई है।रविवार को मॉडल टेस्ट के लिए सीडब्ल्यू पीआरएस की टीम ने अक्ष निर्धारण के लिए बराज निर्माण स्थल का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:58 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 10:58 PM (IST)
अत्याधुनिक बराज निर्माण को ले अधिकारियों की टीम ने किया निरीक्षण
अत्याधुनिक बराज निर्माण को ले अधिकारियों की टीम ने किया निरीक्षण

मधुबनी । अनुमंडल मुख्यालय से गुजरने वाली कमला नदी पर बनाए गए वियर को अत्याधुनिक बराज में बदलने को लेकर विभागीय कवायद प्रारंभ कर दी गई है।रविवार को मॉडल टेस्ट के लिए सीडब्ल्यू पीआरएस की टीम ने अक्ष निर्धारण के लिए बराज निर्माण स्थल का जायजा लिया। सीडब्ल्यू पीआरएस टीम में पटना के रूपांकन योजना एवं मॉनिटरिग अधीक्षण अभियंता आरके झा और एके मंडल, मुख्य अभियंता हरिनारायण, पुणे के वैज्ञानिक कुलदीप मल्लिक एवं आरएस पाटिल और कमला नहर प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता संजय कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता नवीन कुमार, सहायक अभियंता दीपक कुमार व महेंद्र प्रसाद समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। जानकारी के अनुसार, सीडब्ल्यू पीआरएस में निर्माणाधीन मॉडल को अंतिम रूप देकर अध्ययन करने के बाद अक्ष निर्धारित करने का निर्णय लिया जाएगा।

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405.66 करोड़ की लागत से बनेगा बराज :

कमला नदी के पुराने वियर को 405.66 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक बराज में परिवर्तित किए जाने की विभागीय कवायद प्रारंभ कर दी गई है। यदि सब कुछ सामान्य रहा तो शीघ्र ही निर्माण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देकर कार्य प्रारंभ किया जा सकता है।

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44,960 हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिचाई :

कमला नदी पर बराज का निर्माण हो जाने से सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को काफी लाभ होगा। 44,960 हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई हो सकेगी और किसानों के समक्ष उत्पन्न सिचाई की समस्या का स्थाई निदान हो सकेगा। जिला के जयनगर, लदनिया, बासोपट्टी, खजौली, कलुआही, हरलाखी समेत अन्य प्रखंड के किसान इससे लाभान्वित हो सकेंगे।

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बाढ़ से भी मिलेगी मुक्ति :

कमला नदी पर बराज का निर्माण हो जाने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को बाढ़ से भी मुक्ति मिल सकेगी। वर्ष 2019 में आई बाढ़ के दौरान वियर के डेक स्लैब के ऊपर से बाढ़ का पानी प्रवाहित होने लगा था और कमला नदी के शाखा नहरों के कई बांधों को काफी क्षति पहुंची थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जयनगर आने पर कमला नदी पर बराज निर्माण की घोषणा की गई थी। 24 जून 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कमला नहर प्रमंडल द्वारा क्षतिग्रस्त बांधों को नई तकनीक के बनाए जाने के बाद उद्घाटन करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री द्वारा वियर का भी निरीक्षण किया गया और किसानों के लंबे अरसे से वियर को बराज में परिवर्तित करने की मांग को पूरा करने की घोषणा की गई थी।

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