शहर में संचालित कोचिग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों की जोखिम में होता जान

शहर में संचालित कोचिग सेंटरों पर अगलगी से बचाव के मद्देनजर अग्निशमन दस्ता द्वारा विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 May 2019 11:12 PM (IST) Updated:Thu, 30 May 2019 06:29 AM (IST)
शहर में संचालित कोचिग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों की जोखिम में होता जान
शहर में संचालित कोचिग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों की जोखिम में होता जान

मधुबनी। शहर में संचालित कोचिग सेंटरों पर अगलगी से बचाव के मद्देनजर अग्निशमन दस्ता द्वारा विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मालूम हो कि स्थानीय अग्निशमन दस्ता द्वारा कोचिग सेंटरों पर अगलगी से बचाव के दिशा में अग्निशमन यंत्रों की जांच शुरू की गई है। पिछले दो दिनों में शहर के करीब दो दर्जन कोचिग सेंटरों पर पहुंच कर अग्निशमन यंत्र की जानकारी लेते हुए अगलगी से बचाव की जानकारी दी गई। अग्निशमन पदाधिकारी लालकेश्वर प्रसाद ने बताया कि शहर में अबतक करीब 25 कोचिग सेंटरों की जांच की गई है। जिसमें से अधिकांश कोचिग सेंटर पर अग्निश्मन यंत्र नही पाया गया। ऐसे कोचिग सेंटरों को नोटिस दी जा रही है। सभी कोचिग सेंटरों को अग्निशमन यंत्र के अलावा फायर अर्लाम लगाने की हिदायत दी गई है। उन्होनें बताया कि गुजरात के सुरत में एक कोचिग सेंटर में अगलगी की घटना के बाद पटना से विभागीय आदेश के आलोक में यह कार्रवाई की जा रही है। शहर के महराजगंज में कोचिग सेंटरों की भरमार वैसे तो शहर में संपूर्ण हिस्सों में कोचिग सेंटरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। वहीं शहर के महराजगंज में कोचिग सेंटरों की भरमार देखी जाती है। यहां चल रहे कोचिग सेंटरों का निबंधन पर सवाल उठता रहा है। जानकारी के अनुसार महाराजगंज में चल रहे अधिकांश कोचिग सेंटरों द्वारा निबंधन की प्रक्रिया की अनदेखी कर रहा है। यहां कोचिग सेंटरों को गैर निबंधित होने के बाद भी इसका संचालन धड़ल्ले से जारी है। इन कोचिग सेंटरों पर अबतक किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई की सूचना नही है। शहर में जर्जर भाड़े के तंग कमरों में चल रहे कोचिग सेंटरों की छत कब धाराशायी हो जाय कहा नही जा सकता। जीर्ण-शीर्ण मकान में संचालित कोचिग सेंटरों की लुंज-पुंज बिजली वायरिग शार्ट-सर्किट की खतरा को बढ़ावा दे रहा है। तंग गलियों वाले कोचिग सेंटरों में अनहोनी के समय अग्निश्मन दस्ता के वाहनों का पहुंचना हो सकता मुश्किल शहर में कोचिग सेंटरों में संसाधन की कमी के साथ सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। अधिकांश कोचिग सेंटर का रजिस्ट्रेशन नही होने के बाद भी इसका संचालन जारी है। शहर में संचालित करीब 200 के करीब कोचिग सेंटरों में से एक दर्जन कोचिग सेंटर निबंधित बताया गया है। शेष गैर निबंधित कोचिग सेंटरों पर विभाग कार्रवाई नही होने से कोचिग सेंटरों का धंधा रूकने के बजाय बढ़ता ही जा रही है। अधिकांश कोचिग सेंटरों में पेयजल, शौचालय जैसी सुविधाओं की कमी देखी जाती है। संसाधन विहीन कोचिग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों की जान जोखिम में होता है। तंग गलियों वाले कोचिग सेंटरों में किसी अनहोनी के समय अग्निश्मन दस्ता के वाहनों का पहुंचना मुश्किल होता है। नियमों की अनदेखी कर रहे कोचिग सेंटरों के खिलाफ हो ठोस कार्रवाई शहर के अवकाशप्राप्त शिक्षक जय प्रकाश महतो ने बताया कि शहर के अधिकांश कोचिग सेंटर बगैर निबंधन संचालित हो रहा है। शिक्षा के नाम पर कोचिग सेंटर के व्यापार पर रोक लगाना चाहिए। गैर निबंधित कोचिग सेंटरों की कुव्यवस्था पर प्रशासन को कारगर कदम उठाना चाहिए। अवकाशप्राप्त शिक्षक महेश मिश्रा का कहना है कि शहर के कोचिग सेंटरों में बच्चों के हित की अनदेखी पर रोक लगना चाहिए। गैर निबंधित कोचिग सेंटरों का धड़ल्ले से संचालन से शिक्षा विभाग के बाबूओं का जेब गरम होता है। लाइसेंस, भवन व शौचालय जैसी सुविधा विहीन कोचिग सेंटरों पर कार्रवाई नही होना शिक्षा विभाग की उदासीनता को उजागर करता है। वही छात्र विजय साह ने बताया कि शहर में अनेक कोचिग सेंटरों की जर्जर छत होने से पठन-पाठन के समय भय बना रहता है। कोचिग सेंटरों के संचालकों द्वारा छात्र-छात्राओं से प्रतिमाह मोटी रकम लेने के बाद भी कोई सुविधा मुहैया नही करायी जाती है। ऐसे कोचिग सेंटरों के संचालन पर रोक लगाया जाना चाहिए। शहर के एक कोचिग सेंटर के संचालक गणेश झा ने बताया कि शहर में संचालित कोचिग सेंटरों की नियमित रूप से जांच किया जाना चाहिए। नियमों की अनदेखी कर रहे कोचिग सेंटरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिले में संचालित कोचिग सेंटरों पर विभागीय नियमों के तहत समुचित कार्रवाई की पहल शुरू कर दी गई है। विभागीय प्रावधानों की अनदेखी करने वाले कोचिग सेंटरों के संचालन पर रोक लगायी जाएगी। गैर निबंधित कोचेंग सेंटरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- श्रीराम कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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