त्यागपत्र देकर फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षक अब भी कर रहे नौकरी

मधुबनी। फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक पद हथियाने के बाद स्वेच्छा से त्याग पत्र दे चुके शिक्षक वर्तमान में भी कार्यरत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 10:59 PM (IST) Updated:Thu, 13 Feb 2020 10:59 PM (IST)
त्यागपत्र देकर फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षक अब भी कर रहे नौकरी
त्यागपत्र देकर फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षक अब भी कर रहे नौकरी

मधुबनी। फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक पद हथियाने के बाद स्वेच्छा से त्याग पत्र दे चुके शिक्षक वर्तमान में भी कार्यरत हैं। इसकी रिपोर्ट मिलने पर विभाग पड़ताल में जुट गई है। उक्त संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।

मालूम हो कि जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाए शिक्षकों को क्षमादान योजना के तहत स्वेच्छा से त्याग पत्र देने का मौका विभाग ने दिया था। फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों को स्वेच्छा से त्याग पत्र देने पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का विभाग ने निर्णय लिया था। इस कारण फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल कई शिक्षकों ने स्वेच्छा से त्याग पत्र दे दिया था। लेकिन, बाद में विभाग को यह आशंका हुई कि ऐसे फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षक अब भी विद्यालय में कार्यरत रहकर वेतन तो नहीं उठा रहे हैं। इसी आशंका पर विभाग ने स्वेच्छा से त्याग पत्र देने वाले फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ को भेजे पत्र में उल्लेख किया है कि किसी भी कोटि के नियोजित शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, जिसने जाली शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाई तथा विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्वेच्छा से त्याग पत्र दिया था। उससे संबंधित जिला में संधारित सूची के आधार पर जांच की जाए। इस मामले की जांच में यदि यह ज्ञात हो कि त्याग पत्र देने वाले फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षक या पुस्तकालयाध्यक्ष आदि कार्य कर रहे हो तो इसके लिए जिम्मेवार शिक्षक, पदाधिकारी एवं नियोजन इकाई को चिह्नित कर उसके विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए राशि की वसूली भी सुनिश्चित की जाए। उक्त मामले से संबंधित रिपोर्ट 14 फरवरी तक विभाग द्वारा आयोजित बैठक में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

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