3308 आवास निर्माण का लक्ष्य, 604 का चयन, उपलब्धि महज 31.15 फीसद
पंडौल प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति बदहाल है। पिछले चार वित्तीय वर्षों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की स्थिति कतई संतोषजनक नहीं कही जा सकती।
मधुबनी । पंडौल प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति बदहाल है। पिछले चार वित्तीय वर्षों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की स्थिति कतई संतोषजनक नहीं कही जा सकती। वित्तीय वर्ष 2016-17 तथा 17-18 में कुल 3013 आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें से 2991 का चयन हुआ था, जिसमें से 2990 के बैंक खाते व अन्य कागजात सही रहने के कारण प्रथम किस्त की
राशि दी गई थी। इनमें से अब तक 2602 आवास ही पूर्ण हुए अर्थात कुल उपलब्धि 87 प्रतिशत रही। शेष आवास आज भी निर्माणाधीन ही हैं। वहीं, वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना
के तहत 3858 आवास का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें से 3854 लाभुकों को प्रथम किस्त की
राशि दी गई थी। जिसमें से महज 59.65 प्रतिशत अर्थात 2299 लाभूक ही आवास पूर्ण कर सके हैं।
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चार सालों में वर्ष 2020-21 की स्थिति सबसे खराब :
सबसे दयनीय स्थिति 2020-21 की रही है। जिसमें 3308 आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया
था। जिसमें से 604 का ही चयन हुआ। जिसमें से 594 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि मिली थी।
जिसमें से 329 ने दूसरी किस्त तक का काम किया। वित्तीय वर्ष गुजर जाने का बाद भी महज 31.15
प्रतिशत अर्थात 185 लाभुकों ने ही आवास निर्माण पूर्ण किया। कुल चार वित्तीय वर्षों में प्रखंड को 10179
प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य मिला था। जिसमें से 7453 लाभूकों का चयन हुआ, जिसमें से 7444
लोगों के कागजात सही पाए गए थे। उनमें से 7438 को प्रथम किस्त, 6224 को द्वितीय किस्त, 5031
को तृतीय किस्त का लाभ मिला। कुल 68.38 प्रतिशत अर्थात 5086 लाभुकों ने ही पिछले चार वित्तीय
वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बनाए हैं।
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56 चयनित भूमिहीन लाभुकों को नहीं मिला लाभ :
प्रखंड में लगभग 1000 से अधिक ऐसे लाभुक हैं, जिन्होंने प्रथम किस्त की राशि लेने के वर्षों बाद भी निर्माण कार्य नहीं किया है। वहीं, प्रखंड में
56 ऐसे लाभुक भी हैं जिनका प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयन हो चुका है, लेकिन भूमिहीन रहने
के कारण वह अब तक इसका लाभ नहीं उठा पाए हैं। बता दें कि उक्त योजना के तहत लाभुकों को
भूमि क्रय के लिए भी सरकार आर्थिक मदद करती है। वहीं, अंचल कार्यालय के द्वारा भी भूमिहीनों का
चयन कर बासगीत पर्चा निर्गत किया जाता है। फिर भी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना की गति
अत्यंत मंद है। बीडीओ महेश्वर पंडित ने कहा कि वैसे लाभुक जिनके खाते में प्रथम किस्त द्वितीय
किस्त अथवा तृतीय किस्त की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है, उन्हें हर हाल में निर्धारित समय में
आवास निर्माण कर लेना है। फिर भी जो लेटलतीफी कर रहे हैं उन सबों को नोटिस की जा रही है। यदि
लाभुकों ने निर्धारित समय में आवास निर्माण नहीं किया तो विधिसम्मत कार्रवाई भी की जाएगी।
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