कचरा प्रबंधन के लिए जिले की चार पंचायतों का चयन

मधुबनी। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए जनजागृति लाने हेतु जागरूकता रथ एवं नुक्कड़ नाटक की टीम को हरी झंडी दिखाकर डीएम एसके अशोक ने शनिवार को जिला अतिथि गृह परिसर से रवाना किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Feb 2020 11:29 PM (IST) Updated:Sun, 16 Feb 2020 06:16 AM (IST)
कचरा प्रबंधन के लिए जिले की चार पंचायतों का चयन
कचरा प्रबंधन के लिए जिले की चार पंचायतों का चयन

मधुबनी। ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए जनजागृति लाने हेतु जागरूकता रथ एवं नुक्कड़ नाटक की टीम को हरी झंडी दिखाकर डीएम एसके अशोक ने शनिवार को जिला अतिथि गृह परिसर से रवाना किया। इस मौके पर डीएम ने कहा कि जिला की चार ग्राम पंचायतों बेनीपट्टी प्रखंड के ब्रह्मपुरा, कलुआही के पुरसौलिया, राजनगर के महिनाथपुर तथा बाबूबरही प्रखंड के धमौड़ा पंचायतों का चयन लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया गया है। लोगों में जनजागृति लाने के लिए जागरूकता रथ एवं नुक्कड़ नाटक के कलाकारों द्वारा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उक्त सभी पंचायतों के वार्ड/टोलों में लोगों को जागरूक किया जाएगा। राज्य सरकार ने मधुबनी के उक्त चारों पंचायतों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा मॉडल पंचायत बनाने के लिए चयन किया गया है। इस अवसर पर डीडीसी अजय कुमार सिंह, आइईसी के जिला सलाहकार रंजीत कुमार, अमृता कुमारी, अमृता भारती, रूबी कुमारी, राकेश कुमार आदि भी मौजूद थे।

इस तरह होगा कचरा प्रबंधन

- ग्राम पंचायत द्वारा हर घर में हरा एवं नीले रंग के दो कूड़ेदान दिए जाएंगे। लोगों को घर से उत्पन्न होने वाले जैविक कचरा हरे कूड़ेदान में एवं अजैविक कचरा नीले कूड़ेदान में अलग-अलग रखने को कहा जाएगा। जैविक कचरे से खाद एवं अजैविक कचरे को रिसाइकल कर पुन: उपयोग करने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा।

- कचरा व्यर्थ की चीजें नहीं बल्कि समाधान है, यह नजरिया विकसित किया जाएगा। कचरे को अलग-अलग करने की तरकीब बताने एवं उनका प्रबंधन कर उचित निपटारा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

- चयनित ग्राम पंचायतों में प्रत्येक वार्ड में दो स्वच्छता मित्र एवं प्रत्येक पंचायत में एक स्वच्छता सुपरवाईजर होंगे। पंचायत के प्रबंधन क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष मुखिया होंगे। कचरा प्रबंधन के तहत सबसे पहले ग्राम पंचायत में कचरा की प्रकृति, मात्रा एवं समस्याओं के आकलन हेतु घर-घर सर्वे कर कार्ययोजना तैयार किया जाएगा। प्रखंड एवं जिला स्तर पर अनुमोदन के बाद राज्य को कार्ययोजना भेजी जाएगी।

- राज्य सरकार द्वारा आबादी के अनुसार कचरा प्रबंधन के लिए हर गांव को अलग से राशि दी जाएगी। बैटरी रिक्शा या ठेले के माध्यम से घर-घर से कचरा संग्रह किया जाएगा। ग्राम पंचायत भूमि चिह्नित कर कचरा प्रबंधन के लिए प्रसंस्करण केंद्र खोला जाएगा। जैविक कचरा से खाद बनाया जाएगा एवं अजैविक कचरा को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर रिसाइकल करने हेतु बिक्री किया जाएगा।

- प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उक्त पंचायतों में कार्य प्रारंभ किया जाएगा। बाद में चरणबद्ध तरीके से अन्य ग्राम पंचायतों में भी कार्य प्रारंभ किया जाएगा। ताकि, कचरा प्रबंधन के माध्यम से आय भी प्राप्त की जा सके।

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