संस्कृत कंप्यूटर के लिए सबसे सरल भाषा
मधुबनी। संस्कृत 2900 भाषाओं की जननी है। संस्कृत शिक्षा को ऐसा मुकाम देना है जो आगे चलकर 2035 ई. तक हम विश्व को कंप्यूटर अभियंता दे सकें।
मधुबनी। संस्कृत 2900 भाषाओं की जननी है। संस्कृत शिक्षा को ऐसा मुकाम देना है जो आगे चलकर 2035 ई. तक हम विश्व को कंप्यूटर अभियंता दे सकें। ये बातें बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता ने लखनौर में संवाददाताओं से कहीं। डॉ. मेहता जदयू के विधानसभा प्रशिक्षण शिविर में शिरकत करने आई थीं। उन्होंने कहा कि नासा द्वारा उच्च कोटि के कंप्यूटर निर्माण की दिशा में काम किया जा रहा है। उसने माना है कि संस्कृत कंप्यूटर के लिए सबसे सरल व उपयोगी भाषा है। कहा, अगर भारत संस्कृत के विद्वान को जन्म नहीं देगा तो और कौन देश देगा।
कहा, वे संस्कृत विद्यालय के सिलेबस में आमूल चूल परिवर्तन करने की दिशा में काम कर रहे हैं। सिलेबस ऐसा होगा जिसमें संस्कृत के साथ साथ विज्ञान, गणित, कंप्यूटर, इतिहास, भूगोल, नागरिक की पढ़ाई भी समान व्यवस्था में कराएंगे। अपने 11 महीना के कार्यकाल के दौरान पिछड़े तीन सत्र का परीक्षा परिणाम घोषित करवाया और सत्र को नियमित कराया। संस्कृत विद्यालयों में प्रबंध समिति के गठन की प्रक्रिया तेज की। उन्होंने माना कि अभी विद्यालयों में बच्चे कम हैं। शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मी की भी कमी है। इसे जल्द पूरा किया जाएगा। सूबे के सभी 650 संस्कृत विद्यालयों में आधारभूत संरचना बढ़ाई जाएगी ताकि शिक्षा के अधिकार कानून को सख्ती से लागू किया जा सके।