सार्वजनिक शौचालय बंद कर नपं प्रशासन ने बना दिया आधार सेंटर

मधुबनी । जयनगर शहर में कई सार्वजनिक शौचालय या तो बिना उपयोग के बंद पड़े हैं या कई जर्जर होकर अनुपयोगी हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:42 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:42 PM (IST)
सार्वजनिक शौचालय बंद कर नपं प्रशासन ने बना दिया आधार सेंटर
सार्वजनिक शौचालय बंद कर नपं प्रशासन ने बना दिया आधार सेंटर

मधुबनी । जयनगर शहर में कई सार्वजनिक शौचालय या तो बिना उपयोग के बंद पड़े हैं या कई जर्जर होकर अनुपयोगी हो चुके हैं। नगर पंचायत प्रशासन की लापरवाही कहें या लचर कार्यशैली, यहां सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। 15 वर्ष पूर्व वार्ड 10 स्थित आनंदपुर मोहल्ले में एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया। जहां शौचालय का निर्माण कराया गया, वहां सड़क किनारे महादलित समुदाय के लोग रहते हैं। शौचालय का निर्माण होने से महादलित समुदाय के लोगों में खुशी छा गई कि अब उन्हें शौचालय के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा, लेकिन उनकी यह खुशी कुछ ही दिनों में गायब हो गई। लाखों खर्च के बावजूद इस शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सका। निर्माण के समय से ही यह बंद पड़ा है। इसी प्रकार, वार्ड 12 स्थित शौचालय काफी जर्जर हो चुका है, लेकिन इसका जीर्णोद्धार करने की दिशा में अब तक कोई पहल सामने नहीं आई। इसी तरह वार्ड दो में भी एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया, लेकिन इसका भी उपयोग नहीं किया जा सका। अब तो नगर पंचायत प्रशासन ने इस शौचालय को आधार सेंटर में तब्दील कर दिया है।नगर पंचायत प्रशासन द्वारा छह-सात वर्ष पूर्व लाखों रुपये की लागत से पांच चलंत शौचालय का भी निर्माण कराया गया। चलंत शौचालय का निर्माण कराने का उद्देश्य दलित एवं महादलित बस्ती के लोगों को सुविधा उपलब्ध करानी थी। जिन बस्तियों में शौचालय बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हुई, वहां के लिए चलंत शौचालय बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया था। साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रम या समारोह की स्थिति में भी चलंत शौचालय का उपयोग किया जाना था, लेकिन पांचों चलंत शौचालय कबाड़ की हालत में पड़े हुए हैं। इस बाबत नगर पंचायत प्रशासन कुछ भी बताने से परहेज कर रहा है। ईओ अमित कुमार को तो आनंदपुर मोहल्ले में 15 वर्षो से शौचालय में ताला लगे होने की जानकारी तक नहीं है। उन्होंने इससे अनभिज्ञता जाहिर की। इससे आप सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वच्छता के मामले में नगर पंचायत प्रशासन कितना गंभीर है।

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