लदनियां बीडीओ ने किया दस हजार मास्क रिजेक्ट

मधुबनी। वैश्विक कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार के निर्देश के मुताबिक प्रत्येक परिवार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 11:18 PM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 11:18 PM (IST)
लदनियां बीडीओ ने किया दस हजार मास्क रिजेक्ट
लदनियां बीडीओ ने किया दस हजार मास्क रिजेक्ट

मधुबनी। वैश्विक कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार के निर्देश के मुताबिक प्रत्येक परिवार को छह मास्क निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाना है। प्राथमिकता के आधार पर जीविका समूहों से ही मास्क का क्रय कर लोगों के बीच वितरित किया जाना है। प्रखंड क्षेत्र में मास्क का वितरण पंचायत सचिवों के माध्यम से पंचायतवार किया जा रहा है। 31 मई तक छह पंचायतों के लिए 1.39 लाख मास्क का निर्माण कर प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराना था। लेकिन, अबतक केवल 66 हजार मास्क ही उपलब्ध कराया गया है। पूर्वी कुमरखत, लक्ष्मीनियां, पिपराही व खोजा पंचायत में प्रति परिवार छह मास्कों की दर से वितरण कर दिया गया है। पद्मा व डलोखर पंचायत में इसका वितरण किया जा रहा है। इस बीच मास्क की गुणवत्ता पर उठते सवाल को देखते हुए बीडीओ अखिलेश्वर कुमार ने अबतक उपलब्ध कराए गए मास्क में से लगभग दस हजार मास्क को रिजेक्ट कर दिया है। बीडीओ श्री कुमार ने बीपीएम से जवाब-तलब भी किया था। मास्क निर्माण में गुणवत्ता व समय की अनदेखी को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ ने महथा व पिपराही पंचायत के जीविका समूहों से संबद्ध दीदियों के घर पहुंच रविवार को पूछताछ किया। दीदियों ने कहा कि प्रखंड जीविका कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए कपड़ा व धागा से मास्क बनाया जाता है। सिलाई व कटाई के बदले निर्धारित साढ़े पांच रुपये की जगह बीपीएम द्वारा तीन रुपये देने की बात कही जा रही है। शायद यही कारण है कि जीविका दीदियों द्वारा मास्क निर्माण में शिथिलता बरती जा रही है। दीदियों द्वारा बरती जा रही शिथिलता के बावजूद बीपीएम ने 66 हजार मास्क कहां से उपलब्ध कराया गया, इस संबंध में बीडीओ ने कहा कि यह मामला शक के दायरे में है। बीडीओ ने कहा कि हो सकता है कि मास्क की खरीद बाहर से की गई हो। वहीं जीविका के बीपीएम प्रवीण कुमार ने बताया कि कमेटी द्वारा दिए गए कपड़े के नमूने के अनुसार दीदियों द्वारा मास्क निर्माण किया जा रहा है। प्रति मास्क मात्र तीन रुपये पारिश्रमिक का भुगतान किए जाने का आरोप गलत है। मौके पर प्रमुख प्रतिनिधि सत्य नारायण साफी, विष्णुकांत राय आदि थे।

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