होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों से वीसी के माध्यम से हो रहा संवाद
मधुबनी। वैश्विक कोरोना महामारी संकट के दौर में जब माता-पिता से पुत्र बहन से भाई पति से पत्
मधुबनी। वैश्विक कोरोना महामारी संकट के दौर में जब माता-पिता से पुत्र, बहन से भाई, पति से पत्नी, भाई से भाई व अन्य स्वजन एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए है और लोगों को अनहोनी का भय सता रहा है, वैसी विकट परिस्थिति में जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ की एक अनोखी पहल कोरोना संक्रमितों के बीच नवीन उत्साह का संचार कर रहा है। आए दिन लोगों की एक आम शिकायत रहा करता था कि जिला प्रशासन इस वैश्विक महामारी के दौर में जिले के लोगों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया रखती है। खासकर कोरोना संक्रमितों के प्रति। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए दोहरी चुनौती था कि एक ओर कोरोना के गंभीर प्रकृति के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित किया जाए तो वहीं दूसरी ओर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की भी समुचित देखभाल हो सके। इसके लिए जिला पदाधिकारी अमित कुमार के नेतृत्व में अलग-अलग स्तरों पर संवेदनशील टीम का गठन कर परस्पर बेहतर समन्वय एवं सहयोग स्थापित कर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। जहां गंभीर प्रकृति के मरीजों के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही है वहीं दूसरी ओर डीएम प्रत्येक प्रखंड में होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी से सीधे जुड़कर उनके समस्या का समाधान कर रहे हैं। उक्त जानकारी जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर दी।
जिला प्रशासन के मुताबिक उक्त व्हाट्सएप ग्रुप में न केवल मरीजों को जोड़ा गया है बल्कि एक दक्ष टीम को भी उसमे जोड़ा गया है जो सभी प्रकार के समस्या का त्वरित समाधान करने में सक्षम है। इस ग्रुप में सरकारी अधिकारी, चिकित्सक सहित सहयोगी संस्था यूनिसेफ, केयर आदि के प्रतिनिधि को भी जोड़ा गया है, जो लोगों की समस्या का त्वरित रूप से समाधान करने में सक्षम है। जिला पदाधिकारी की इस अनोखी पहल से लोगों में सरकार के प्रति एक भरोसा पैदा हुआ है। लोग इस ग्रुप में अपनी समस्या लिखते हैं और उस समस्या का शीघ्र समाधान भी कर दिया जाता है। इसके माध्यम से लोगों को समय से दवा की आपूर्ति, गंभीर मरीजों को तत्काल एंबुलेंस की सुविधा सहित आवश्यक चिकित्सीय परामर्श संभव हो पाया है। इन सारी गतिविधि पर जिला पदाधिकारी सीधे अपनी न•ार बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन की इस पहल से न केवल आवश्यक संसाधन मुहैया कराया गई है बल्कि कई ऐसे परिवार जिन्हे अपनों ने छोड़ रखा था, उनमें जिला प्रशासन अपना होने क्या अहसास कराया है।
जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में चिकित्सक डॉ. धीरज एवं उनकी टीम होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से वीसी के माध्यम से सीधे जुड़कर लोगों में नवीन आशा और विश्वास का संचार किया है। वीसी के माध्यम से सभी लोगों को चिकित्सीय परामर्श देने के साथ-साथ उनकी कई सारी शंकाओं का समाधान किया गया। इससे होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के मन में व्याप्त भय एवं निराशा से मुक्ति मिली है और अब लोगों में यह भरोसा पैदा हुआ है कि जिला प्रशासन सदैव उनके साथ है और आगे भी रहेगा। इस अनोखी पहल को जमीन पर मूर्त रूप देने में यूनिसेफ के एसएमसी प्रमोद कुमार झा के नेतृत्व में उनकी पूरी टीम 24 घंटा अपना महत्व पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है।