करहराघाट पर पुल की आस में बचपन, जवानी गुजारते हुए आ गया बुढ़ापा
मधुबनी। एक अदद पुल के इंतजार में दशकों गुजर गए। आंखें पथरा गई। बचपन व जवानी गुजार कर क
मधुबनी। एक अदद पुल के इंतजार में दशकों गुजर गए। आंखें पथरा गई। बचपन व जवानी गुजार कर काया बूढ़ा हो गया। अब तो लाठी के सहारे के बिना कदम भी नहीं उठते। जीवन की अंतिम दहलीज पर पहुंच चुका हू. लेकिन एक अदद पुल का सपना अब तक कोरा कागज ही साबित हुआ। उक्त शब्दों में वे लोग अपनी पीड़ा व्यक्ति किए हैं जो करहाराघाट पर पुल का सपना देखते हुए बचपन व जवानी से गुजकर बुढ़ापा अवस्था में पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि बेनीपट्टी प्रखंड की करहारा पंचायत अंतर्गत करहारा गांव में धौंस नदी पर पुल का सपना दशकों बाद भी पूरा नहीं हुआ है। धौंस नदी के करहाराघाट पर पुल नहीं रहने के कारण लगभग पचास हजार आबादी को यातायात में परेशानी का दंश झेलना नियति बनकर रह गई है।
आठ माह चचरी पुल एवं चार माह नाव के सहारे गुजरती जिदगी :
करहारा पंचायत के करहारा, सोहरौल, करहारा डीह, बिर्दीपुर एवं समदा गांव के लोग पुल का इंतजार दशकों से कर रहे हैं। धौंस नदी पर पुल की मांग को लेकर यहां के कई गांवों के लोगों ने कई बार धरना-प्रदर्शन व सड़क जाम जैसे जनतांत्रिक आंदोलन के माध्यम से शासन-प्रशासन का ध्यान खींचा। लेकिन सब व्यर्थ चला गया। यहां की विकट समस्या की सुधि न तो शासन ले रही है और न ही प्रशासन। करहराघाट पर पुल नहीं रहने से आधा दर्जन गांवों के लोगों को दस किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर बसैठ बाजार के लिए जाना पड़ता है। धौंस नदी के करहाराघाट पर पुल के निर्माण होने के बाद बसैठ, करहारा, सोहरौल, समदा, बिर्दीपुर व उच्चैठ का सीधा सम्पर्क जुड़ जाएगा। यहां के लोगों का करहाराघाट के धौंस नदी पर पुल की निर्माण महात्वाकांक्षी मांग है। लेकिन, पुल निर्माण नहीं होने से ग्रामीण हर वर्ष चंदा संग्रह कर नदी पर बांस का चचरी पुल बनाते हैं। आठ माह चचरी पुल व चार माह नाव के सहारे जीवन जीने को विवश है।
चचरी पुल बनाने की पूर्वजों की परंपरा पुल के अभाव में अब भी जारी :
करहारा गांव के भोगेन्द्र यादव, देवेन्द्र प्रसाद यादव, बिशे सहनी, रीझन सहनी, कमरूल जमा, मो. हाशीम, सूर्यनारायण यादव, गुलाब यादव ने बताया कि गांवों से चंदा संग्रह कर धौंस नदी पर चचरी पुल बनाने की जो परंपरा हमारे पूर्वजों ने शुरू की थी वह आज भी जारी है। बाढ़ के दिनों में नदी पर बना चचरी पुल पानी में डूबकर बह जाता है। उस समय खेती कार्य भी चौपट हो जाता है। चार माह नदी में नाव के सहारे ही यातायात होती है। ग्रामीण कहते हैं कि चुनाव के समय राजनेता पुल बनाने का वादा करते हैं लेकिन चुनाव बाद भूल जाते हैं।
कार्यपालक अभियंता ने कहा पुल निर्माण के लिए भेजा गया प्रस्ताव :
करहारा पंचायत की मुखिया शीला देवी तथा पूर्व मुखिया देवेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि करहाराघाट पर धौंस नदी में पुल की निर्माण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी को पत्र भेजा जा चुका है। हरलाखी के जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने बताया कि करहाराघाट के धौंस नदी पर पुल निर्माण कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव एवं अभियंता प्रमुख से अनुरोध किया गया है। ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि करहारा गांव में धौंस नदी पर पुल निर्माण के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।