1857 महासमर के महानायक थे वीर कुंर सिंह : प्रो. निराला

मधुबनी। अकादमी संस्था के तत्वावधान में वर्चुअल मोड में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक व

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 11:49 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:49 PM (IST)
1857 महासमर के महानायक थे वीर कुंर सिंह : प्रो. निराला
1857 महासमर के महानायक थे वीर कुंर सिंह : प्रो. निराला

मधुबनी। अकादमी संस्था के तत्वावधान में वर्चुअल मोड में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर कुंवर सिंह की जयंती पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर परिचर्चा आयोजित की गई। विषय प्रवेश करते हुए अकादमी के निदेशक प्रोफेसर नरेन्द्र नारायण सिंह निराला ने कहा 1857 महासमर के महानायक वीर कुंवर सिंह थे। जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध अपूर्व वीरता का परिचय देकर बिहार को गौरवान्वित किया। समन्वयक डॉ. प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दू -मुस्लिम सहित सभी धर्मों और वर्गो के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज बुलंद किया। प्रो.रश्मि रेखा(लखनऊ) ने कहा कि महानायक कुंवर सिंह ने 23 अप्रैल 1858 को अपनी जगदीशपुर रियासत को अंग्रेजों से मुक्त कराया था। अत: इसे विजयोत्सव के रुप में मनाते हैं। डा. नील रेखा(मुजफ्फरपुर) ने कहा कि कुंवर सिंह के साथियों में उनके भाई अमर सिंह, भतीजा रितुभंजन सिंह, मित्र निशान सिंह, हरेकृष्ण सिंह,जय कृष्ण सिंह, जुल्फिकार अली प्रमुख थे। डा.संदीप कुमार ने कहा कि पटना, जहानाबाद में पीर अली, हैदर अली खां, नन्हकू सिंह, फतह सिंह नेता थे. डा. विभूति नाथ झा ने कहा कि कुंवर सिंह के कुल पुरोहित और प्रेरणा स्त्रोत मधुबनी के मंगरौनी गांव के भिखिया दत्त झा थे। एसबीआई के रिटायर्ड जीएम श्याम प्रसाद सिंह ने कहा कि उनके पूर्वज जगदीशपुर इलाके से आकर मधुबनी जिले के नेउर गांव में बस गये थे। पत्रकार वंदना सिंह (मुंबई) ने कहा कि रामगढ़, बेतिया, दरभंगा, डुंमराव के जमींदार और नेपाल के राणा ने अंग्रेजों का साथ दिया था। वालीवुड के छायाकार एच एन सिंह और एडिटर एसएम इस्लाम ने कहा कि 1857 की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों शतरंज के खिलाड़ी, बहादुर शाह जफर से जुड़े होने पर उन्हें गर्व है। डा.मनीष कुमार (दरभंगा) ने कहा कि 1857 के गुमनाम सेनानियों में हाजी वेगम, मीर वारिस अली, चिराग अली, चौधरी झब्बन सिंह भी हैं। डा.प्रतिभा कुमारी, स्नेह लता कुमारी, प्रो.शैल कुमारी (मुजफ्फरपुर) ने कहा कि कुंवर सिंह जनप्रिय थे। जिनके संघर्ष के लोकगीत प्रेरणा देते थे। डॉ.अरविंद कुमार, डा. शिव कुमार पासवान और डा.श्याम बालक पासवान, डा.शिव कुमार दास, डा. मीना आजाद, डा. हीरानंद आचार्य, डा. रेवती रमण चौधरी,डा.आशुतोष सिन्हा, डा.अबुल वहाब, डा.अमीर हमजा, डा. कुमारी ज्योति, प्रो.उजाला कुमारी, डा.नीलमणि कुमार झा, प्रो.विघ्नेश चंद्र झा, विपिन कमार, डा.अभिषेक कुमार ने भी हिस्सा लिया। अध्यक्षता डॉ.नरेंद्र नारायण सिंह निराला, संचालन डा. प्रभात कुमार सिन्हा और धन्यवाद ज्ञापन डा.अरविन्द कुमार ने किया।

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