प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का आदर्श अनुकरणीय

मधुबनी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि गिलेशन बाजार स्थित नगर विधायक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 11:27 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 11:27 PM (IST)
प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का आदर्श अनुकरणीय
प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का आदर्श अनुकरणीय

मधुबनी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि गिलेशन बाजार स्थित नगर विधायक समीर कुमार महासेठ के आवासीय परिसर में मनाई गई। प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए विधायक श्री महासेठ ने कहा कि देश को संवारने में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अहम भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई में उनका योगदान सदैव याद किए जाते रहेंगे। उनकी जीवन शैली और प्रतिभा अतुलनीय थी। राजेंद्र बाबू देश के राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया। उनके बताए मार्ग और उनके आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। श्री महासेठ ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद का मधुबनी से काफी लगाव रहा है। आजादी से पहले और आजादी के बाद भी प्रथम राष्ट्रपति के रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का मधुबनी आगमन पर तत्कालीन नगर पालिका के चेयरमैन एवं वर्तमान विधायक समीर कुमार महासेठ के दादा राम अवतार महासेठ काफी समय तक उनके संर्पक में रहे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद का खादी से गहरा लगाव था। वे खादी को बढ़ावा देते रहे। वर्षो तक यहां के बुनकरों द्वारा तैयार खादी धोती डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भेजा जाता रहा। पुष्पांजलि अर्पित करने वालो में प्रो. सुनील नायक, बिट्टू यादव, अमरेंद्र चौरसिया, मंटू कारक, चंद्रशेखर झा सुमन, पूर्ण शंकर झा सहित अन्य शामिल थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पुण्य तिथि मनी मधुबनी। जिला कांग्रेस कमिटी कार्यालय के सभागार में जिला अध्यक्ष प्रो शीतलांबर झा की अध्यक्षता में देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की 59 वां पुण्यतिथि किया गया।

सर्वप्रथम उनके तैल चित्र पर कांग्रेसजनों ने पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा ने कहा देशरत्न राजेंद्र बाबू महान स्वतंत्रता सेनानी थे। देश के आजादी के आंदोलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में उन्होंने कई आंदोलन का नेतृत्व भी किए और कई बार जेल यातना भी सहना पड़ा उन्होंने अंग्रेजों भारत छोड़ो सहित कई आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिए वे सादगी के प्रतिमूर्ति थे,एक सामान्य किसान परिवार में जन्म लेकर उन्होंने राज्य और देश का नाम रौशन किए, एक शिक्षक के रूप में एक अधिवक्ता के रूप में भी वे अपना योगदान दिए। प्रो झा ने कहा देश के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने कई जनकल्याण करी कार्यक्रम को लागू करबाए,डॉ राजेन्द्र बाबू संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में देश को बेहतरीन संविधान दिए,राजेन्द्र बाबू को मधुबनी से गहरा लगाव था वे लोहा उच्च विद्यालय में उन्होंने एक कार्यक्रम में भाग लिए,खादी बस्त्र उनका प्रिय कपड़ा होता था वे मधुबनी खादी को बहुत पसंद करते थे। कार्यक्रम में मो अकील अंजुम,प्रफुल्ल चन्द्र झा,ऋषिदेव सिंह,जय कुमार झा,मायानंद झा,मुकेश कुमार झा पप्पू,आलोक कुमार झा,धनेश्वर ठाकुर,मो जफरुल हक,अब्दुल कुद्दुस, बिनय झा,मो नरुल्लाह,कलिश चन्द्र झा,अनिल चन्द्र झा,रमेश पासवान,मो तनबीर,अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

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