गाड़ाटोल गांव में शतचंडी महायज्ञ 17 से
मधुबनी। जिले के घोघरडीहा प्रखंड स्थित गाड़ाटोल गांव में पांच दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ का आयो
मधुबनी। जिले के घोघरडीहा प्रखंड स्थित गाड़ाटोल गांव में पांच दिवसीय शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। भारतीय सनातन पद्धति में यज्ञ की महती भूमिका होती है। इसके लिए मंडप निर्माण अंतिम चरण में है । मिथिला के क्षेत्रीय महान विभूति स्वर्गीय पं. दिवाकर मिश्र के पुत्र पं. भरत मिश्र के द्वारा विश्व कल्याणार्थ इस शतचंडी महायज्ञ का आयोजन 17 फरवरी से किया जाएगा। 17 को कलश यात्रा से होगी यज्ञ की शुरुआत। 21 फरवरी को होगी पूर्णाहुति। मंडप निर्माण कार्य अंतिम चरण में। महायज्ञ के आयोजक सह निवेदक पं. भरत मिश्र ने बताया कि 17 फरवरी को भव्य कलश स्थापन से शतचंडी महायज्ञ की शुरुआत होगी। प्रतिदिन पूजा-अर्चना के अलावा विश्व कल्याणार्थ आहुति भी दी जाएगी। संध्या आरती एवं पुष्पांजलि में संस्कृत जगत के अनेक विद्वान सम्मिलित होंगे। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद के प्राध्यापक डॉ. ध्रुव कुमार मिश्र ने कहा कि यज्ञ सृष्टि का आधार है। त्रिभिर्वेदोपदिष्ट यज्ञ के द्वारा अपना ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व का कल्याण संभव है। विविध महत्वों से महिमा मंडित यज्ञादि कार्य वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है। त्रिविध तापों से निवृत्ति के लिए भी यज्ञाहुति आवश्यक है । यज्ञ के आहुति से निकली हुई धुंआ से पर्यावरण भी स्वच्छ होता है। जिससे आसपास के वातावरण में स्वच्छ प्राणवायु का संचार होता है। यज्ञ समिति के सदस्य डॉ. राघव मिश्र ने बताया कि मैथिल परंपरा के तत्वज्ञ पंडित डॉ. दीनदयाल झा के आचार्यत्व में कुल 21 विद्वान पंडितों के द्वारा इस महायज्ञ को संपादित किया जाएगा। यज्ञ की पूर्णाहुति 21 फरवरी को होगी।