पत्नी का दर्जा पाने को धरना पर बैठी युवती, आरोपों को बेबुनियाद बता रहा कथित पति

मधुबनी। कलुआही थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती उसी थाना क्षेत्र के घोंघौर गांव में माधव झा क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 12:02 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 12:02 AM (IST)
पत्नी का दर्जा पाने को धरना पर बैठी युवती, आरोपों को बेबुनियाद बता रहा कथित पति
पत्नी का दर्जा पाने को धरना पर बैठी युवती, आरोपों को बेबुनियाद बता रहा कथित पति

मधुबनी। कलुआही थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती उसी थाना क्षेत्र के घोंघौर गांव में माधव झा के दरवाजे पर चार दिनों से धरना पर बैठी है। उसका कहना है कि माधव से वर्ष 2018 से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। दो जुलाई 2019 को दोनों ने चंडीगढ के शिव मंदिर में शादी रचा ली। बाद में सामाजिक बदनामी के चलते रीति-रिवाज से विवाह की सहमति दोनों परिवार में बनी, लेकिन लड़का पक्ष शादी से मुकर गया। कहा कि उसके गर्भ में छह माह का शिशु पल रहा है। जब माधव झा ने शादी करने से पल्ला झाड़ लिया तो वह चंडीगढ़ एसएसपी की शरण में गई थी। इसके बाद न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। न्यायालय का आदेश स्थानीय प्रशासन को सौंपा है। हालांकि खुद को एमबीबीएस की छात्रा बताते हुए कहती है कि इस कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो गई। कभी वह खुद को सीबीआइ इंस्पेक्टर बताते हुए कार्ड भी दिखाती है। कहा कि उसे ससुराल में पत्नी का दर्जा व उचित सम्मान मिले, इसलिए धरने पर बैठी है। डीएनए टेस्ट की मांग

माधव झा ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया। कहा कि यदि उनके पास शादी या किसी अन्य प्रकार का कोई साक्ष्य है तो उसे दिखाएं। गर्भ में पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी की। कहा कि युवती का ननिहाल पास के ही एक गांव में है। इसी क्रम में उससे बातें होती रहती थी। युवती के परिवार की ओर से शादी का प्रस्ताव जरूर आया, लेकिन घरवालों ने मना कर दिया। कहा कि गांव की रंजिश को लेकर युवती को गांव के ही कुछ लोग भड़का कर योजनाबद्ध तरीके से इन्हें बदनाम करने की साजिश रची है। कहा कि प्रताड़ना व मानहानि को लेकर वे भी धरना पर बैठेंगे। इधर, सदर डीएसपी कामिनी बाला ने कहा कि युवती के पास शादी या फिर न्यायालय का कोई ऑथेंटिक पेपर नहीं है और न ही स्थानीय स्तर पर कोई मामला दर्ज कराया गया है। पडताल की जा रही है। प्रशासन भी सकते में

युवती की बातों से प्रशासन भी सकते में है। दरअसल, गुरुवार को थाने पहुंची तो आठ घंटे वहां पर बैठी रही। इस बात को लेकर तकरार करती रही कि प्रशासन इन्हें पति के घर पहुंचवाए। इस दौरान वह लगातार वरीय पदाधिकारियों व नेताओं को फोन करती रही। प्रशासन ने जब वरीय पदाधिकारी या न्यायालय का आदेश मांगा तो वह टालमटोल करने लगी। अंतत: जो आदेश दिखाया, वह संदेहास्पद प्रतीत हो रहा। सूत्रों का कहना है कि उक्त आदेश का फर्जी स्कैनिग कर प्रशासन को सौंपा गया है। युवती का कभी एमबीबीएस की तैयारी करने और कभी सीबीआइ इंस्पेक्टर का आइकार्ड दिखाना भी संदेह पैदा कर रहा है। वह अपने माता-पिता के साथ चंडीगढ में रहती थी। वर्तमान में वे भी गांव में ही रह रहे हैं। इधर, शनिवार की शाम युवती के पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश करने की बात भी सामने आ रही है।

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