रामशिला अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा

मधुबनी। सकरी स्थित रामशिला हेल्थ केयर प्राइवेट नर्सिंग होम प्रखंड का एकमात्र कोविड सेंटर ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 May 2021 11:28 PM (IST) Updated:Mon, 24 May 2021 11:28 PM (IST)
रामशिला अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा
रामशिला अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा

मधुबनी। सकरी स्थित रामशिला हेल्थ केयर प्राइवेट नर्सिंग होम प्रखंड का एकमात्र कोविड सेंटर है। जहां लगभग 40 बेड कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए हैं, लेकिन इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो जाने के बाद अस्पताल प्रशासन व मरीज के परिजनों के बीच विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बड़ा बढ़ गया कि मामले को शांत करने सदर डीएसपी कामिनी बाला व अनुमंडल पदाधिकारी अभिषेक रंजन तथा सकरी थाना को सशस्त्र पुलिस बल के साथ मौका-ए-वारदात पर पहुंचना पड़ा। उक्त घटना को लेकर दोनों पक्षों की ओर से सकरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए कई गंभीर आरोप :

दर्ज प्राथमिकी में दरभंगा जिला के केवटी थाना अंतर्गत भेरयाही निवासी मो. जफीर ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके छोटे भाई मो. जहीरउद्दीन उर्फ मो. जूही जो पूर्व मुखिया भी थे, को इलाज के लिए रामशिला हेल्थ केयर में भर्ती कराया गया। जहां कोरोना जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आया। इसके बाद अस्पताल के डायरेक्टर मो. बदीउज्जमां ने कुछ देर बाद बताया कि मरीज नॉर्मल है। आवेदक का भतीजा मो. हाफिज मरीज को देखने गया तो जानकारी मिली कि डॉ. मो. इमरान के द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाने से तबीयत बिगड़ गई है। कुछ देर बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से 17 हजार जमा करने को कहा। परिजनों ने आनन-फानन में पैसे जमा कर दिए। इसके बाद डॉ. मो. इमरान ने जानकारी दी कि मरीज मर चुका है। इसी बात को लेकर परिजन पूछताछ कर ही रहे थे कि कुछ लड़के वहां पहुंचकर उन्हें धक्का-मुक्की करते हुए मारने पीटने लगे। किसी तरह मरीज के परिजन बाहर निकले तो बाहर में भी उन्हें लगभग एक दर्जन युवक हाथ में लाठी डंडा लिए मारने पीटने लगे। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन अपने कुछ गुंडों को अस्पताल कैंपस में रख मरीज के परिजनों को डरा धमका जान से मारने की धमकी देते हुए बदसलुकी करते हैं। प्रशासन के हस्तक्षेप होने से लगभग दो घंटे बाद मृतक के परिजनों को शव सुपुर्द किया गया।

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अस्पताल प्रबंधन ने भी दर्ज कराई प्राथमिकी :

वहीं उक्त घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने भी प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी में अस्पताल के डायरेक्टर मो. बदीउज्जमां ने मृतक के परिजनों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 21 मई को मो. जहीरउद्दीन को लेकर उनके परिजन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में आए। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों को बताया कि तत्काल उन्हें किसी दूसरे नन कोविड अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए ले जाएं। इसी बात को लेकर परिजन अस्पताल के वरीय डॉ. मो. इरफान के साथ गालीगलौज करते हुए बदतमीजी करने लगे। नतीजा मरीज अस्पताल में ही रहा जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई। मरीज के मौत हो जाने की सूचना मिलते ही मृतक के पुत्र मो. तबरेज व मो. तौफीक समेत अन्य इमरजेंसी वार्ड में घुस चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ गालीगलौज व मारपीट करने लगे। तत्काल अस्पताल प्रबंधन ने घटना की जानकारी स्थानीय थाना व जिला प्रशासन को देते हुए अस्पताल के सुरक्षा की गुहार लगाई। सूचना मिलते ही सदर डीएसपी कामिनी बाला, अनुमंडल पदाधिकारी अभिषेक रंजन, सकरी थानाध्यक्ष उमेश पासवान व एसआई अमरनाथ ठाकुर पुलिस बल सहित अन्य पदाधिकारियों के संग वहां पहुंचे। तत्काल मामला को शांत कराते हुए घटना की जांच कराने व दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया।

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कुछ माह पूर्व भी अस्पताल में हुआ था विवाद :

बता दें कि पिछले सप्ताह इसी अस्पताल के सामने ईलाजरत कोविड मरीजों के परिजनों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था। वहीं, कुछ महीने पूर्व अस्पताल प्रबंधन व मरीज के परिजनों के बीच इलाज करने व पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। जिसको लेकर सकरी थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।

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