विधायक ने किया पकड़ी में धौंस नदी के कटाव स्थल का निरीक्षण

मधुबनी। मधवापुर प्रखंड के विशनपुर पंचायत अंतर्गत पकड़ी गांव में धौंस नदी सुरक्षा तटबंध के कट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 10:59 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:59 PM (IST)
विधायक ने किया पकड़ी में धौंस नदी के कटाव स्थल का निरीक्षण
विधायक ने किया पकड़ी में धौंस नदी के कटाव स्थल का निरीक्षण

मधुबनी। मधवापुर प्रखंड के विशनपुर पंचायत अंतर्गत पकड़ी गांव में धौंस नदी सुरक्षा तटबंध के कटाव स्थल का विधायक सुधांशु शेखर ने निरीक्षण किया। विधायक ने कटाव स्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने शीघ्र सुरक्षा दीवार निर्माण करवाने व क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मति कराने के लिए विधायक से आग्रह किया। ग्रामीणों ने कहा कि पकड़ी गांव में तटबंध पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। अगर तटबंध की मरम्मति नहीं कराया गया हो इस बार के बाढ़ में पूरा गांव नदी में समां जाएगा। इसे देखते हुए उक्त जगह पर सुरक्षा दीवार बनाने की बहुत आवश्यकता है। अन्यथा आने वाले समय मे पकड़ी गांव पूरी तरह तबाह होकर नदी में समां जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि धौंस नदी का तटबंध कई जगहों पर क्षतिग्रस्त है।

वहीं विधायक सुधांशु शेखर ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत पर वे बाढ़ की पूर्व तैयारी के तहत धौस नदी के तटबंध का निरीक्षण किया है। आने वाले समय मे स्थिति भयावह हो सकती है। इसलिए तटबंध की मरम्मति बहुत ही आवश्यक है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास करेंगे। मौके पर विधायक प्रतिनिधि रामएएकबाल उर्फ कारी ठाकुर, जदयू प्रखंड अध्यक्ष अरुण यादव, पिहवाड़ा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अनिल साह, रौशन नायक, छोटे यादव, विजय पासवान, अजब लाल साह, महाराजा यादव, पवित्र यादव, वार्ड सदस्य प्रतिनिधि उपेंद्र यादव, त्रिपुरारी यादव, रामहित साह, बीरेंद्र यादव समेत अन्य लोग भी मौजूद थे। कोविड संक्रमितों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं: विधायक मधुबनी। विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि कोरोना पर काबू में नीतीश सरकार की विफलता और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति के खिलाफ राजद कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए संघर्ष जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि तीन नए कानूनों से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी। जिससे किसानों को नुकसान और कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा। केंद्र सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात तो कर रही है, लेकिन वन एमएसपी की बात नहीं कर रही है। केंद्र सरकार नए किसान कानूनों के माध्यम से कृषि उपज, विपणन समितियों के एकाधिकार को खत्म करना चाहती है। इससे व्यापारियों की मनमानी बढ़ेगी। किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिलेगी। नए किसान कानून से सरकार के हाथ में खाद्यान्न नियंत्रण नहीं रहेगा मुनाफे के लिए जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। नए कृषि कानूनों से किसानों का खेत, उपज पर पूंजीपतियों एवं कारपोरेट घरानों का कब्जा हो जाएगा। उपज के मूल्य का निर्धारण मनमाने तरीकों से किया जाएगा। किसानों को अपनी उपज का समुचित मूल्य नहीं मिल पाएगा। किसान कारपोरेट घरानों के गुलाम हो जाएंगे। केंद्र सरकार किसानों को कंगाल बनाने पर तुली है। राज्य में कोविड संक्रमितों की उपेक्षा को राजद कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी।

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