बहन की शादी में भाग लेने मुंबई से पहुंचे युवक की कोरोना से मौत
मधुबनी। लदनियां प्रखंड के मरनैया गांव के कोरोना संक्रमित 29 वर्षीय युवक की डीएमसीएच में इलाज
मधुबनी। लदनियां प्रखंड के मरनैया गांव के कोरोना संक्रमित 29 वर्षीय युवक की डीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार उसकी बहन की शादी होने वाली थी। शादी समारोह में भाग लेने वह पांच दिन पूर्व मुंबई से गांव आया था। अपनी बहन के शादी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पांच दिन पूर्व मुम्बई से गांव आया था। यहां आते ही कोरोना संक्रमित होने के बाद उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान वह शुक्रवार को कोरोना से जंग हार गया और उसकी मौत हो गई। युवक के मौत की खबर जैसे ही उसके गांव में पहुंची चारों ओर मातमी सन्नाटा पसर गया। प्रखंड में अब तक कोरोना से लगातार पांच लोगों की मौत होने से बेलही, चिकनोटवा, ठाढी व गिदवास के साथ मरनैया गांव के लोग सहम गए हैं। सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार पासवान ने बताया कि कुछ लोगों से युवक की मौत की जानकारी मिली है, लेकिन आधिकारिक तौर पर अब तक कोई सूचना नहीं आई है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग की टीम को उक्त गांव में भेजकर उसके संपर्क में आए और लोगों की जांच कराई जाएगी। तीन दिनों में नवटोल गांव में दो अधेड़ की मौत, मातमी सन्नाटा झंझारपुर। कोरोना महामारी के बीच लखनौर बेहट दक्षिणी पंचायत के नवटोल गांव में तीन दिनों के अंदर दो अधेड़ की मौत हो गई। 47 वर्षीय पप्पू कुमार झा ने सकरी के एक निजी हॉस्पीटल में बीते 12 मई को दम तोड़ दिया तो 14 की देर संध्या नवटोल गांव के ही 50 वर्षीय तंत्रनाथ झा उर्फ चुनचुन झा का असामयिक निधन हो गया। मृतक पप्पू कुमार झा कोरोना पॉजिटिव पाए थे। उनके स्वजनों ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि मृतक 26 अप्रैल को अपनी मां की बरसी करने अपने गांव आया था। 28 को बरसी थी और 13 मई को उनके पुत्र की शादी आयोजित थी। बरसी तो वे संपन्न कर पाए, लेकिन पुत्र की शादी नहीं देख पाए। इसी बीच उनकी तबियत बिगड़ी। दरभंगा तथा सकरी में उनका इलाज हुआ, लेकिन 12 मई को सकरी के ही एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। शादी की तैयारी पर विधाता ने पानी फेर दिया। शहनाई की गूंज मातमी सन्नाटा में पसरा है। ग्रामीण इस हादसा से उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि तंत्रनाथ झा उर्फ चुनचुन झा की मौत 14 मई की देर शाम हो गई। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। हालांकि, कोविड जांच में उनका रिपोर्ट निगेटिव आया था, लेकिन बुखार और खांसी के लक्षण उनमें दिखे थे। उन्हें चिकित्सकीय परामर्श पर घर पर ही दवा दी जा रही थी, लेकिन शुक्रवार देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके अपने भतीजे के उपनयन संस्कार की तैयारी चल रही थी। गुरुवार को बसकट्टी तथा शुक्रवार को मंडप निर्माण भी हुआ था। अचानक उपनयन संस्कार का जश्न चीख और चित्कार में बदल गया।