अनुमंडल अस्पताल में भटकता रहा युवक, नहीं हुई कोरोना जांच
मधुबनी। जयनगर अनुमंडल अस्पताल की लचर कार्यशैली के कारण लोगों को विविध स्तरों पर मुश्किलों
मधुबनी। जयनगर अनुमंडल अस्पताल की लचर कार्यशैली के कारण लोगों को विविध स्तरों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अनुमंडल अस्पताल में व्यवस्था सुधरने के बजाय और बिगड़ती ही जा रही है। न तो कोरोना संदिग्ध मरीज की जांच की समुचित व्यवस्था की जा रही है, न ही इलाज की व्यवस्था सु²ढ़ हो पा रही है। हालत इतनी बदतर कि अस्पताल प्रबंधन समुचित जानकारी भी नहीं दे पा रहा है। मंगलवार को एक युवक अपनी जांच कराने को लेकर घंटों अनुमंडल अस्पताल में भटकता रहा, लेकिन उसकी जांच नहीं की जा सकी।थक हार कर युवक बिना जांच कराए ही घर वापस चला गया। जयनगर बस्ती के ब्राह्मण टोला निवासी 17 वर्षीय युवक अक्षय राज विगत कई दिनों से सर्दी बुखार से पीड़ित है। मंगलवार से उसे सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी ।युवक कोरोना वायरस से पीड़ित होने की आशंका को देखते हुए जांच कराने अनुमंडल अस्पताल पहुंचा, लेकिन उसकी जांच नहीं हो सकी। युवक एक घंटा से अधिक समय तक अस्पताल में कोरोना की जांच कराने को लेकर भटकता रहा, बावजूद उसकी जांच नहीं की जा सकी। जानकारी के मुताबिक विगत कई दिनों से अनुमंडल अस्पताल में कोरोना की जांच नहीं के बराबर की जा रही है, जिस कारण संक्रमण लक्षण से ग्रसित लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। इस बाबत अस्पताल प्रबंधन पूछे जाने पर कुछ भी बताने से बचने की जुगत में लगा रहता है। मंगलवार को दोपहर के बाद टीका खत्म हो जाने पर टीकाकरण भी बंद कर दिया गया। टीका खत्म हो जाने के कारण कई लोग बिना टीका लगाए ही अपने घर बैरंग वापस हो गए। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि मांग के अनुसार टीका उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिस कारण कई बार टीकाकरण अभियान को बंद करना पड़ रहा है। सरकार टीकाकरण अभियान अनवरत चलाए जाने की भले ही घोषणा करती आ रही है, लेकिन उस हिसाब से टीका उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जयनगर प्रखंड के रजौली पंचायत के धमिया पट्टी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर पांच और छह अप्रैल को 45 और 60 वर्ष से ऊपर के लोगो को टीका का प्रथम डोज दिया गया। एक महीना से ऊपर होने को है, लेकिन टीका का दूसरा डोज नहीं दिया जा सका है। लोग स्वास्थ्य कर्मी का इंतजार कर रहे हैं।