कोरोना के संदिग्ध मरीज की मौत, अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल
मधुबनी। जयनगर अनुमंडल अस्पताल जयनगर के लापरवाह कार्यशैली के कारण रविवार की शाम अस्पताल
मधुबनी। जयनगर अनुमंडल अस्पताल जयनगर के लापरवाह कार्यशैली के कारण रविवार की शाम अस्पताल के सामने ही एक 50 वर्षीय कोरोना के संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। जयनगर थाना क्षेत्र के बेतौन्हा गांव निवासी राजेश्वर महतो को गंभीर अवस्था में टेंपो से इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल लाया गया।अस्पताल प्रबंधन ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया। उसे टेंपो में ही गंभीर अवस्था में देखते हुए इलाज के लिए बाहर ले जाने की बात स्वजनों से कही गई। उसे अस्पताल प्रबंधन की ओर से एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराया गया। स्वजनों ने अपने स्तर से एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाही, लेकिन कहीं से भी उसे एंबुलेंस नहीं मिल सका। एक घंटा से अधिक समय तक मरीज टेंपो में तड़पता रहा, आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। स्वजनों ने बताया कि 25 अप्रैल को उसने कोरोना का टीका भी लिया था। स्वास्थ्य प्रबंधक अर्चना भट्ट ने बताया कि मृत व्यक्ति में कोरोना के लक्षण थे। स्वजनों का आरोप है कि उसकी कोई जांच ही नहीं की गई। बता दे कि अनुमंडल अस्पताल में कागजों पर तो सब कुछ ठीक बताया जा रहा है, लेकिन गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए लाए जाने पर अस्पताल प्रबंधन हाथ खड़ा कर देता है। लोगों की मानें तो यदि राजेश्वर महतो की इलाज की जाती, उसे समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी। अस्पताल प्रबंधन बिना जांच किए ही उसे कोरोना संदिग्ध मरीज मान कर उसका इलाज करने से इंकार कर गया और उसे किसी अन्य अस्पताल में ले जाने की सलाह दे दी।