गांवों में लगने वाले हाट बन सकते वायरस संक्रमण के नए हॉटस्पॉट
मधुबनी। जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बदस्तूर साप्ताहिक हाट लगाया जा रह
मधुबनी। जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बदस्तूर साप्ताहिक हाट लगाया जा रहा है। इस बाबत लोगों के जिदगी के लिए बड़ी चुनौती बन चुके कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है। प्रशासनिक गतिविधि बस कोरोना वायरस से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी करने और माइकिग तक ही सीमित है। आलम यह है प्रखंड में कहीं भी कोई तैयारी नहीं दिख रही। अस्पताल खुद पूरी तरह बीमार है। लोग खुलेआम बाजार में घूम रहे हैं। ना ही कोई मास्क, सैनिटाइजर औए साफ-सफाई की व्यवस्था। प्रखंड के सार्वजनिक शौचालयों की सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है। शुक्रवार को मुख्यालय बाजार में भारी भीड़ के साथ हाट लगाया गया। सैकड़ो लोग बिना किसी सुरक्षा के घंटों खरीददारी करते रहे। इन साप्ताहिक हाटों में भारी भीड़ जमा होती है। ऐसे में अगर इस वायरस का हमला हुआ तो ये प्रखंड के लोगों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी। राज्य में महामारी अधिनियम लागू है। चार बजे शाम के बाद बाजार को पूरी तरह बंद कर देना है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रो में लगने वाली हाट प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। प्रखंड में कई जगह साप्ताहिक हाट लगता है। जहां तीन से पांच ह•ार तक कि संख्या में लोग इक्कठे होते हैं। मगर, इसको रोकने को लेकर ना तो प्रशासन और ना ही स्वास्थ्य विभाग की कोई तैयारी है। कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी ऐसे हाट जैसे आयोजनों को लेकर कोई जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया। बीडीओ राजेश्वर राम ने बताया कि मामला संज्ञान में है। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। प्रखंड प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर पूरी तरह से सजग है। सीओ प्रवीण वत्स ने बताया कि प्रखंड में लगने वाले हाट जैसे भीड़ भाड़ जैसे कार्यक्रम को बंद के बारे में गंभीरता से सोचा जा रहा है। ऐसे हाट की सूची तैयार कर उनको कुछ दिनों के लिए बंद किया जाएगा।