श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान का भंडार : देवाचार्य

मधुबनी। श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान का भंडार है। मानव जीवन में भागवत कथा श्रवण जरूरी है। उ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:48 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:48 PM (IST)
श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान का भंडार : देवाचार्य
श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान का भंडार : देवाचार्य

मधुबनी। श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान का भंडार है। मानव जीवन में भागवत कथा श्रवण जरूरी है। उक्त बातें बेनीपट्टी प्रखंड के बेहटा हरदिया टोल में आयोजित श्रीमछ्वागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दौरान वृंदावन के कथा वाचक संत श्रीगोपाल शरण देवाचार्य जी महाराज ने कहीं। उन्होंने कहा कि धर्म के पुजारी ही धर्म चाहते हैं। भागवत महापुराण हैं साथ ही

ज्ञान का भंडार भी है। ईश्वर का भजन व कीर्तन को स्मरण कर चितन करें। अपने जीवन काल में भागवत कथा श्रवण का रसपान करें। जीवन में पांच कर्ज होते हैं। हर इंसान को अपने पिता को भागवत कथा जरूर सुनाना चाहिए। भागवत कथा श्रवण से सुख शांति मिलती हैं। साथ ही पापों व पीड़ा से मुक्ति मिलती है। लौकिक व परलौकिक सिद्धता भी प्राप्त होती है। जीवों का कल्याण होता है। कथा पुरानी नहीं होती है। श्री महराज ने कहा कि कलीकाल में श्रीमछ्वागवत कथा श्रवण से मोक्ष की प्राप्त होती है। भगवान की महिमा अपरमपार है। लोग जिस रूप से भगवान का सुमिरन करते हैं भगवान उन्हें उसी

रूप में मिल जाते है। भक्तों की इच्छा से भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। भागवत कथा सुनने से सद्गति मिलती है। एक दूसरे में बंधुत्व की भावना बढ़ती है व मनुष्यों के आचरण में अपेक्षित सुधार होता है।भगवान श्री कृष्ण के नाम लेने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लोग ज्ञान विज्ञान की उंची उड़ान भड़ लिए हैं मगर संसार में आने का कारण नहीं जान पाए है। अपने अस्तित्व और वजूद को जानने के लिए भगवान श्री कृष्ण जो रास्ता गीता में बताए हैं वहीं सत्य है। सत्य का बोध के लिए पाठ होता है। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह से माहौल आध्यात्मिक व भक्तिमय हो गया है।

chat bot
आपका साथी