इंडिया टॉय फेयर में शामिल हुई मधुबनी की सिक्की कला

मधुबनी। जिले की सिक्की कला को देश-दुनिया में पहचान मिल रही है। शनिवार को प्रधानमंत्री ने

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:05 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:05 PM (IST)
इंडिया टॉय फेयर में शामिल हुई मधुबनी की सिक्की कला
इंडिया टॉय फेयर में शामिल हुई मधुबनी की सिक्की कला

मधुबनी। जिले की सिक्की कला को देश-दुनिया में पहचान मिल रही है। शनिवार को प्रधानमंत्री ने 'इंडिया टॉय फेयर-2021' की वर्चुअल शुरुआत की तो इसमें बिहार से सिक्की (एक तरह की घास) से बने खिलौने लेकर सुधीरा देवी शामिल हुई। देश के पारंपरिक खिलौना उद्योग को गति देने के लिए इस चार दिवसीय वर्चुअल मेले में सिक्की कला के शामिल होने से इसे नया बाजार मिलने की उम्मीद है।

इंडिया टॉय फेयर में बिहार से सिक्की कला को शामिल किया गया है। इसके लिए झंझारपुर प्रखंड के रैयाम गांव की सिक्की कलाकार सुधीरा देवी का चयन हुआ। दो मार्च तक चलने वाले इस फेयर में सुधीरा देवी द्वारा सिक्की से तैयार 50 तरह की कलाकृतियों की ऑनलाइन खरीदारी की जा सकती है। इसमें सुधीरा के हाथों से बनाए देसी खिलौने व सिक्की पेंटिग सहित अन्य वस्तुएं हैं।

250 से पांच हजार रुपये कीमत : सिक्की से बनेहाथी व गाय 500 से चार हजार रुपये, कछुआ, मछली, उल्लू, चिडि़या, डमरू, बिल्ली, सेफ बॉक्स, गमला, फूल स्टीक, गुड़िया 250 से एक हजार, सिक्की से तैयार चूड़ी 50 से 250 रुपये दर्जन, थ्री पीस सेट 200 से 300 रुपये, कान की बाली 100 से 350 रुपये, कान की लड़ी 50 से 100 रुपये, झुमका 50 से 100 रुपये, अंगूठी 100 से 200 रुपये, नेकलेस 200 से पांच हजार रुपये, नथिया 100 से 300 रुपये, पायल 100 से 400 रुपये, दुल्हन सेट एक से दस हजार रुपये मे उपलब्ध है।

वीडियो के जरिए वस्तुओं की जानकारी : सुधीरा देवी ने बताया कि फेयर में शामिल होने के लिए उनसे एक महीने पहले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय, दिल्ली की ओर से संपर्क किया गया। वहां से कौशल कुमार एक सहयोगी के साथ रैयाम पहुंचे थे। उन्होंने सिक्की से बने खिलौनों व अन्य वस्तुओं का एक घटे का वीडियो बनाया। इसमें हर खिलौने के बारे में जानकारी और उसका दाम बताया गया है। टॉय फेयर में इसे दिखाया जा रहा है। लोगों द्वारा पसंद किए खिलौनों का ऑनलाइन ऑर्डर किया जा सकता है। इसके बाद इसकी आपूर्ति की जाएगी।

राज्य पुरस्कार से सम्मानित : 44 वर्षीय सुधीरा देवी ढाई दशक से सिक्की कला के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्हें सिक्की कला के क्षेत्र में वर्ष 2015-16 का राज्य पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है। वर्ष 2016 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय श्रेष्ठता प्रमाणपत्र दिया था।

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