रोकड़ बही अपडेट नहीं करने पर फंसे घोघरडीहा प्रखंड के नाजिर, निलंबित
मधुबनी। रोकड़ बही अद्यतन नहीं करने के मामले में घोघरडीहा प्रखंड के लिपिक सह नाजिर दिनेश कुमार झा बुरे फंसे।
मधुबनी। रोकड़ बही अद्यतन नहीं करने के मामले में घोघरडीहा प्रखंड के लिपिक सह नाजिर दिनेश कुमार झा बुरे फंसे। जिला पदाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए उक्त नाजिर दिनेश कुमार झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के लिए श्री झा का मुख्यालय जिला स्थापना कार्यालय, मधुबनी निर्धारित किया गया है। गौरतलब है कि घोघरडीहा के बीडीओ ने डीएम को रिपोर्ट किया था कि लिपिक सह प्रखंड नाजिर दिनेश कुमार झा को रोकड़ बही अद्यतन कर प्रभार का आदान-प्रदान करने के लिए आदेश दिया गया था। लेकिन, उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया। उनके द्वारा रोकड़ बही अद्यतन नहीं करने के कारण वित्तीय प्रभार का आदान-प्रदान नहीं हो सका है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि घोघरडीहा के वर्तमान बीडीओ बीते 13 मार्च 2020 को प्रभार ग्रहण किए थे। मगर लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी रोकड़ बही अद्यतन नहीं करने के कारण वित्तीय प्रभार आदान-प्रदान नहीं कराया जा सका है। जिस कारण उक्त नाजिर के कृत्य को वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन करार दिया गया है। वित्तीय प्रभार का आदान-प्रदान नहीं होने के कारण बीडीओ को कार्यालय के दैनिक कार्य संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है।
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भुगतान लंबित होने से सरकारी वाहनों में डीजल आपूर्ति बंद :
पेट्रोल-डीजल आपूर्तिकर्ता का पहले से ही दो लाख 45 हजार 421 रुपये का भुगतान लंबित रहने के कारण आपूर्तिकर्ता ने सरकारी वाहन के लिए डीजल की आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दिया है। इससे बीडीओ को पंचायत स्तर से संचालित योजनाओं का निरीक्षण करने में भी कठिनाई हो रही है। जबकि, बीडीओ द्वारा प्रभार ग्रहण करने के उपरांत उक्त नाजिर को बीते 24 अप्रैल, 20 मई एवं 12 जून को पत्र जारी कर आदेश दिया था कि प्रखंड नजारत का रोकड़ बही अद्यतन कर प्रभारांतरण सुनिश्चित करें। लेकिन, नाजिर ने रोकड़ बही को अद्यतन नहीं किया। जिस कारण नाजिर श्री झा के इस कृत्य को सरकारी कार्यो के ससमय निष्पादन में बाधा उत्पन्न करने का द्योतक मानते हुए डीएम ने निलंबन की कार्रवाई की है। डीएम ने घोघरडीहा के बीडीओ को निर्देश दिया है कि उक्त नाजिर के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालन के लिए उनके विरुद्ध प्रपत्र-क में आरोप गठित कर एक सप्ताह के अंदर एसडीओ, फुलपरास के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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