जिले में पहले भी रंगेहाथ निगरानी टीम के हत्थे चढ़ चुके हैं कई घूसखोर

मधुबनी । लालच बुरी बला है। इस बात से सभी अवगत है। फिर भी लालच में फंसकर कई सरकारी पदाधिकारी व कर्मी अपनी इज्जत व प्रतिष्ठा से खुद ही खिलवाड़ कर बैठते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 10:45 PM (IST)
जिले में पहले भी रंगेहाथ निगरानी टीम के हत्थे चढ़ चुके हैं कई घूसखोर
जिले में पहले भी रंगेहाथ निगरानी टीम के हत्थे चढ़ चुके हैं कई घूसखोर

मधुबनी । लालच बुरी बला है। इस बात से सभी अवगत है। फिर भी लालच में फंसकर कई सरकारी पदाधिकारी व कर्मी अपनी इज्जत व प्रतिष्ठा से खुद ही खिलवाड़ कर बैठते हैं। इसके बाद पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता है। निगरानी विभाग के हत्थे रिश्वत लेते कई पदाधिकारी एवं कर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं। फिर भी लालची पदाधिकारी व कर्मी रिश्वत का मोह नहीं छोड़ पाते हैं। इसी का नतीजा है शुक्रवार को जयनगर के देवधा थाने का एक एएसआई व चौकीदार थाना परिसर में ही रिश्वत लेते रंगेहाथ निगरानी के हत्थे चढ़ गया। इससे पहले भी जिले में घूस लेते हुए कई पदाधिकारी व कर्मी रंगेहाथ निगरानी विभाग के हत्थे चढ़ चुका है। इसी साल दो मार्च को पंडौल प्रखंड के कनीय अभियंता (मनरेगा) दिनेश ठाकुर को रिश्वत लेते निगरानी विभाग के धावा दल ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। वे मधुबनी शहर के कोतवाली चौक स्थित अपने आवास पर पंडौल प्रखंड क्षेत्र के सरिसबपाही पश्चिमी पंचायत के मुखिया रामबहादुर चौधरी से 55 हजार रुपये रिश्वत ले रहा था। वहीं, राजनगर सीडीपीओ कार्यालय के डाटा इंट्री ऑपरेटर महेश कुमार झा बीते नौ मार्च को तीन हजार तीन सौ रुपये रिश्वत लेते निगरानी विभाग के धावा दल के हत्थे चढ़ गया था।

इससे पूर्व 13 फरवरी 2017 को बासोपट्टी प्रखंड की महिला पर्यवेक्षिका रूबी कुमारी को भी निगरानी विभाग के धावा दल ने पांच हजार पांच सौ रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। वर्ष 2017 में ही 18 जनवरी को पंडौल प्रखंड के कनीय विद्युत अभियंता विकास कुमार को भी 15 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। वहीं, वर्ष 2016 में 12 मार्च को बेनीपट्टी के पुलिस इन्स्पेक्टर विनोद कुमार को 11 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2016 में ही 27 अक्टूबर को जयनगर के तत्कालीन एसडीओ गुलाम मुस्तफा अंसारी को एक लाख रुपये एवं जयनगर के तत्कालीन एसडीपीओ चंदन पुरी को 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। जबकि, वर्ष 2015 में 23 जुलाई को राजकीय मध्य विद्यालय फुलपरास के प्रधानाध्यापक रामदेव बनैता को भी आठ हजार पांच सौ रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2014 में 10 फरवरी को ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल जयनगर के कनीय अभियंता गिरीश प्रसाद साह को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2014 में ही 12 फरवरी को एक लाख रुपये रिश्वत मामले में खुटौना थानाध्यक्ष महाकांत सिंह सहित मिटू आलम को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, वर्ष 2013 में 19 नवम्बर को बाबूबरही थाना के सहायक अवर निरीक्षक अशोक कुमार को 18 हजार नकद रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा भी जिले में कई पदाधिकारी व कर्मी रिश्वत लेते निगरानी विभाग की टीम के हत्थे चढ़ चुके हैं।

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