आंगनबाड़ी केंद्रों पर गूंजे मंगल गीत, गर्भवती की हुई गोदभराई

मधुबनी। स्वस्थ रहेगी जच्चा तो तंदुरुस्त होगा बच्चा- इस कथन को आत्मसात करने के लिए आईसीडीएस विभाग की ओर से मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 15 ब्लॉक बासोपट्टी पर गोदभराई दिवस का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 12:33 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 12:33 AM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्रों पर गूंजे मंगल गीत, गर्भवती की हुई गोदभराई
आंगनबाड़ी केंद्रों पर गूंजे मंगल गीत, गर्भवती की हुई गोदभराई

मधुबनी। स्वस्थ रहेगी जच्चा तो तंदुरुस्त होगा बच्चा- इस कथन को आत्मसात करने के लिए आईसीडीएस विभाग की ओर से मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 15 ब्लॉक बासोपट्टी पर गोदभराई दिवस का आयोजन किया गया। मंगल गीतों के साथ गर्भवती महिला को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरूप पोषण की थाली भेंट की गई। जिसमें सतरंगी थाली व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर महिलाओं की गोद भराई की रस्म पूरी की गई। सभी महिलाओं को अच्छे सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य पर हुई चर्चा:

गोद भराई रस्म में पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं व अन्य महिलाओं ने भाग लिया। सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ा, तिलक लगा और गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गोद में पोषण संबंधी पुष्टाहार, फल सेब, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, डाल सेवन करने का तरीका बताया गया। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी। गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पुष्टाहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। गर्भधारण की पुष्टि होने पर डॉक्टर से कराएं चेकअप:

जैसे ही महिलाओं को गर्भधारण की पुष्टि हो जाए वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक की निगरानी में रहें तथा नियमित रूप से चेकअप कराएं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है। महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड, प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम व पौष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी।

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