प्रखंड के 623 एकड़ रकबे में वैज्ञानिक खेती का लिया संकल्प

मधुबनी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिन को कृषि विज्ञान केन्द्र सुखेत एवं ध

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 11:14 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 11:14 PM (IST)
प्रखंड के 623 एकड़ रकबे में वैज्ञानिक खेती का लिया संकल्प
प्रखंड के 623 एकड़ रकबे में वैज्ञानिक खेती का लिया संकल्प

मधुबनी। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिन को कृषि विज्ञान केन्द्र सुखेत एवं धान अनुसंधान केन्द्र झंझारपुर ने कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाया है। दोनेां ही जगहों पर कृषि वैज्ञानिकों ने देश के प्रथम राष्ट्रपति की तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और याद किया। सुखेत के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को उन्नत कृषि की तकनीकी जानकारी फार्म के खेतों में व्यावहारिक तौर पर दी गई। मृदा वैज्ञानिक डॉ सर्वेश कुमार ने बताया कि सरकार किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। साथ ही पर्यावरण को संतुलित रखने की दिशा में भी कृषि विभाग प्रतिबद्ध है। यह कार्य खेती की नई वैज्ञानिक तकनीकी अपनाकर ही की जा सकती है। जिसमें कम लागत और ज्यादा मुनाफा के मूल मंत्र और जलवायु अनुकूल कार्यक्रम को अपनाकर किया जा सकता है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत सुखेत, बलियारी, बिशौल, एवं गोधनपुर गांव को चिन्हित किया गया है। जिसमें गेहूं, मसूर, राय, सरसो, मक्का, आलू, तीसी को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए किसानों को शिक्षित किया जा रहा है। जलवायु अनुकूल उन्नत पैदावार से किसान अपनी आमदनी को दुगुनी करने में सक्षम होंगे। विभाग ने किसानों के 623 एकड़ भूमि पर वैज्ञानिक प्रतिरक्षण करवाने का संकल्प जन्म दिवस के अवसर पर लिया है। केंद्र के प्रभारी डॉ सुधीर दास ने बताया कि जीरो टिलेज से गेहूं, मसूर, तीसी, राय की सीधी बुआई से समय, धन एवं जल की बचत होती है। डीजल की भी कम खपत होती है। फसल के अवशेषों का प्रबंधन भी आसानी से हो जाता है। वरिष्ठ शोधकर्ता आशुतोष यादव एवं वरिष्ठ तकनीकी सहायक धीरेंद्र कुमार द्वारा खेतों में प्रायोगिक शिक्षा संचालन किया गया।

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