सामाजिक सद्भाव के बीच धूमधाम से हुई कमला मैया की पूजा

बेनीपट्टी प्रखंड के बलाइन गांव में पुराने कमला नदी के तट पर कमला मंदिर में सामाजिक सदभाव के बीच विधि-विधान व मंत्रोच्चारण के साथ कमला माई की पूजा हुई। कमला पूजा के अवसर पर 105 छागरों व पाठी की बलि प्रदान की गई। जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा बगल के मीरा महाराज को मुर्गा का बलि प्रदान किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:29 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:29 PM (IST)
सामाजिक सद्भाव के बीच धूमधाम से हुई कमला मैया की पूजा
सामाजिक सद्भाव के बीच धूमधाम से हुई कमला मैया की पूजा

मधुबनी । बेनीपट्टी प्रखंड के बलाइन गांव में पुराने कमला नदी के तट पर कमला मंदिर में सामाजिक सदभाव के बीच विधि-विधान व मंत्रोच्चारण के साथ कमला माई की पूजा हुई। कमला पूजा के अवसर पर 105 छागरों व पाठी की बलि प्रदान की गई। जबकि, मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा बगल के मीरा महाराज को मुर्गा का बलि प्रदान किया गया। बलाइन गांव में कमला पूजा पांच सौ वर्षों से होती आ रही है। सहनी समाज के द्वारा भव्य रूप से विधि विधान के तहत कमला माई की पूजा की जाती है। उसके बाद सहनी समाज के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को मीरा महाराज को बलि प्रदान करने के लिए मुर्गा व अन्य सामान खरीद कर सोंपते हैं। यह पंरपरा अब तक चलती आ रही है। वर्ष 2013 में बलाइन गांव में भव्य व आकर्षक कमला माता मंदिर का निर्माण कराया गया। 2020 में मंदिर में कमला माई की स्थापना की गई। कमला पूजा से पहले अष्टयाम व भजन कीर्तन का आयोजन होता है। सहनी समाज के सुख शांति व समृद्धि एवं सुहाग की रक्षा व पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं कमला माई की पूजा करती हैं। कमला पूजा के अवसर पर मंदिर परिसर में दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग पूजा देखने पहुंचते हैं, जबकि तंत्र-मंत्र साधना के लिए यह स्थल पवित्र माना जाता है। कमला पूजा के दिन बलाइन गांव के सहनी समाज के प्रत्येक घर में रिश्तेदार पहुंचते हैं। नागदह बलाइन पंचायत के पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष विष्णु सहनी, संतोष सहनी, मनोज सहनी, ललन सहनी, महेन्द्र सहनी, उमेश सहनी, गंगाई सहनी, पुरन सहनी, बेचन सहनी, श्याम सहनी, चन्देश्वर सहनी सहित अन्य लोग श्रद्धालुओं की सहायता में लगे रहे।

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