कमला तटबंध टूटने का खतरा, लोग रतजगा करने को मजबूर
मधुबनी। तेज बारिश तेजी से टूटते तटबंध और कमला बलान नदी की तेज धारा से भदुआर सहित दर्•ानो गांव के लोग आशंकित हो उठे हैं।
मधुबनी। तेज बारिश, तेजी से टूटते तटबंध और कमला बलान नदी की तेज धारा से भदुआर सहित दर्•ानो गांव के लोग आशंकित हो उठे हैं। इसको लेकर रामविलास धांगर के नेतृत्व में दर्•ानों लोगो ने पूर्वी तटबंध मुख्य सड़क को रविवार को जाम कर दिया। इनकी मांग थी कि तटबंध को तुरंत मजबूत की जाय। जिससे तटबंध पर हो रहे खतरे को कम किया जा सके। विभाग मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। बाद में अधिकारियों के आश्वासन पर जाम तो समाप्त हो गया मगर तटबंध टूटने का खौफ और लगातार हो रही बारिश से लोग भय और आशंकाओं के बीच रतजगा करने को मजबूर हैं।
बताते चलें कि हर साल बारिश के मौसम में तटबंध से रिसाव होने लगा लगता है और लोग घर द्वार छोड़ छोटे छोटे बच्चे, पशु, बृद्ध और बीमार को लेकर उच्च जगह पर शरण लेने को मजबूर हो जाते हैं। तटबंध टूटने और बाढ़ की विभीषिका का डर अभी से ही लोगों को सताने लगा है। जल संसाधन विभाग द्वारा तटबंध निर्माण कार्य तो हो रहा है। इसके बावजूद कई ऐसी जगह है कि अगर कमला बलान रौद्र रूप में आई तो कमजोर बांध नदी के प्रवाह को रोक नहीं पाएगी।
कई जगह बांध की साइट में बड़े बड़े होल दिखे जो किसी बड़े खतरे का सबब बन सकता है। विभागीय मनाही के बावजूद नदी तक ले जाने के लिए ट्रैक्टर वालों ने बांध के साथ छेड़छाड़ की है। इतना ही नहीं पूरे बांध पर झर झंखाड़ का अंबार है। वर्तमान में तटबंध में कई जगह कटान साफ देखा जा सकता है। भू-माफिया द्वारा नदी के तलहटी से मिट्टी कटाई अवैध रूप से की जाती रही है। जिसके कारण ट्रैक्टर चलने से कई जगह तटबंध में कटाव हो गया है। तटबंध पिछली बार जहां टूटा था, वहां निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन कई जगह तटबंध अब भी जर्जर अवस्था में है।
हालांकि जल संसाधन मंत्री संजय झा खुद मामले की मॉनिटरिग कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही निर्माण कार्य को लेकर डीएम ने कई जरूरी निर्देश दिए थे। प्रमुख शुभेश्वर यादव कहते है कि तटबंध निगरानी विभाग हरना ढाला से लेकर गंधराईन ढाला के बीच तटबंध की मजबूती पर ध्यान नहीं दिया गया है। तटवंध पर पक्की सड़क भी है। यातायात और सड़क वाहनों का भारी दवाव इस पर रहता है। अंधराठाढ़ी झंझारपुर भाया भदुआर एक बहुत चालू और लोकप्रिय रास्ता है। तटवंध के चौड़ीकरण और उंचीकरण में बाहर की मिट्टी नहीं लगी है। इसमें कई जगहों पर रेन कट बन गया है।