सामाजिक पहल पर ज्योति को मिला पति और ससुराल
बाबूबरही में पिछले छह दिनों से अपना हक पाने को धरना पर बैठी ज्योति झा को समाज ने न्याय दिला दिया। सामाजिक पहल पर उसे ससुराल व पति का साथ मिल गया। दोनों के बीच उपजे विवाद को लेकर घोंघौर गांव में ग्रामीणों की एक बैठक हुई।
मधुबनी । बाबूबरही में पिछले छह दिनों से अपना हक पाने को धरना पर बैठी ज्योति झा को समाज ने न्याय दिला दिया। सामाजिक पहल पर उसे ससुराल व पति का साथ मिल गया। दोनों के बीच उपजे विवाद को लेकर घोंघौर गांव में ग्रामीणों की एक बैठक हुई। मध्यस्थता मिथिला मिरर के ललित नारायण झा ने की। समाज के कई गणमान्य लोग बैठक में मौजूद रहे। बारी-बारी से दोनों पक्षों को सुना गया। माधव झा ने स्वीकार किया कि पूर्व में उसने ज्योति झा से मंदिर में शादी की थी। दांपत्य जीवन में उपजे विषाद पर भी चर्चा हुई। इधर, ज्योति झा ने भी अपने उस बयान को वापस लिया जिसमें वह खुद को कभी डॉक्टर तो कभी सीबीआइ इंस्पेक्टर बता रही थी। ग्रामीणों के बीच ज्योति ने एक मैथिली नारी की तरह जीवन जीने का संकल्प लिया। सामाजिक स्तर पर बंध पत्र बनाया गया जिसका दोनों को पालन करना होगा। कहा गया कि बंध पत्र का उल्लंघन करने पर समाज उनके विरुद्ध खड़ा होगा। दंपती को अगले 15 दिनों तक गांव से अलग किसी सुरक्षित स्थान पर दांपत्य जीवन व्यतीत करने का निर्देश दिया गया। बता दें कि बीते गुरुवार को ज्योति झा बाबूबरही थाना पहुंची थी। उनका कहना था कि घोंघौर गांव के माधव झा से इनका प्रेम प्रसंग है और चंडीगढ में दो वर्ष पूर्व शादी हुई है, लेकिन अब माधव उसे स्वीकार करने से मुकर रहा है। करीब आठ घंटों तक थाने पर बैठी रही तथा पुलिस से अपने ससुराल घोंघौर में माधव झा के यहां जगह दिलाने की मांग करती रही। चूंकि ज्योति के पास कोई सबूत नहीं था, इसलिए पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने को लेकर विवश रही। इसके बाद ज्योति ने घोंघौर गांव में पति के घर के सामने डेरा जमा लिया। ग्रामीण स्तर पर मामले का समाधान किए जाने की हर तरफ सराहना हो रही है। पंचायत में कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष अनिल कुमार अनिल, नारायणजी झा, जयबीर झा सहित बडी संख्या में गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।
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