कम अनाज व अधिक दाम से हलकान हो रहे जविप्र उपभोक्ता

मधुबनी । मधेपुर प्रखंड के जनवितरण प्रणाली में लूट मची हुई है। उपभोक्ता डीलरों की मनमानी से त्रस्त हैं। बेचारे करें भी तो क्या करें।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:51 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 10:51 PM (IST)
कम अनाज व अधिक दाम से हलकान हो रहे जविप्र उपभोक्ता
कम अनाज व अधिक दाम से हलकान हो रहे जविप्र उपभोक्ता

मधुबनी । मधेपुर प्रखंड के जनवितरण प्रणाली में लूट मची हुई है। उपभोक्ता डीलरों की मनमानी से त्रस्त हैं। बेचारे करें भी तो क्या करें। शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उल्टा, शिकायत करने के बाद वे डीलरों का कोपभाजन बनते हैं। डीलरों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि उपभोक्ता विरोध करें तो डीलर का सीधा जवाब आता है कि जहां शिकायत करनी हो कर लीजिए, मैं कुछ नहीं कर सकता। डीलरों का कहना है कि हमें ऊपर से ही कम अनाज मिलता है, ऐसे में उपभोक्ताओं को घर से अनाज दें क्या। यह हाल है प्रखंड के प्रसाद पंचायत का। यहां के कुछ उपभोक्ताओं से बात करने के बाद यह सच्चाई सामने आई। इस पंचायत में कुल चार जविप्र की दुकानें हैं। जिनमें खैरी गांव अवस्थित डीलर राम जीवन मंडल के यहां सामान लेने जा रहे अर्जुन मंडल ने बताया कि हमें एक कार्ड है। जिसमें चार लोगों का नाम है। डीलर ने 15 किलो पैसा वाला और 15 किलो फ्री वाला अनाज दिया है। रुपया कितना लिया है, पूछने पर उन्होंने बताया एक सौ रुपये। उन्होंने यह भी बताया कि यह हरेक बार लिया जाता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उचित मूल्य ज्ञात है तो जवाब मिला हां, लेकिन कोई साथ नहीं देता।

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कार्ड में छह लोगों का नाम, अनाज मिलता 36 किलो, दाम 140 रुपये :

वार्ड तीन के उपभोक्ता गणेश मंडल का कहना था कि मेरे कार्ड में छह लोगों का नाम है, लेकिन हमें फ्री वाला मिलाकर भी सिर्फ 36 किलो मिलता है, जिसका मूल्य 140 रुपया लिया जाता है। अभेस मंडल की बच्ची शालु कुमारी कहती है कि मेरे कार्ड पर छह लोगों का नाम है, लेकिन अनाज काट लिया जाता है और दाम 160 रुपया लेता है। बगल में खड़ी सुनीता देवी मोबाइल का कैमरा चालू देख नाम बताने से परहेज करते हुए कहती है कि डीलर बताता है कि गोदाम पर पैसा लिया जाता है, अनाज कम देता है तो मैं कहां से लाउंगा। मिश्रीलाल मंडल की कहानी कुछ अलग नहीं है। कहते हैं कि इस डीलर की कहानी कुछ समझ में नहीं आता। दूसरे डीलर के पास जाते हैं तो वो भी दुगुना रुपया व तौल कम देता है। इसके अलावे भी कुछ लोगों ने अपना दर्द कैमरा पर बयां तो किया, लेकिन नाम न छापने की शर्त रख दी।

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जविप्र की स्थित से विभागीय कार्यशैली पर उठ रहे सवाल :

इन लोगों का कहना था कि हमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन लोगों का कहना था कि यहां सीधा हिसाब है। प्रति यूनिट एक किलो अनाज कम व प्रति यूनिट 23 रुपया की दर। पंचायत के सभी डीलरों ने आपसी सहमति से यह दर तय किया है। जहां जाईएगा यही दर पाइएगा। जबकि किरासन तेल प्रति लीटर 50 रुपया लिया जाता है। दुकानदार राम जीवन मंडल भी इस बात को स्वीकारते हैं। बताया कि पंचायत के सभी डीलर ले रहे हैं। लेकिन अब प्रश्न उठता है कि क्या कोई अधिकार कभी पंचायतों का दौरा नहीं करते हैं। किसी उपभोक्ता से बात नहीं करते। इस बाबत एमओ सुजीत कुमार ने बताया कि जल्द ही जांच की जाएगी। दोषी पर कड़ी कार्रवाई होगी। ------------------

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