चिकित्सक के अभाव में सरकारी छह वेंटिलेटर प्राइवेट हॉस्पिटल के हवाले

कोविड संक्रमितों के लिए प्राणरक्षक के रूप में जिले को मिले छह वेंटिलेटर यहां के एक निजी क्रिब्स अस्पताल को दे दिया गया। बता दें कि पिछले साल जिले को छह वेंटिलेटर की आपूर्ति हुई थी। जिसमें से चार वेंटिलेटर जिले के रामपट्टी स्थित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर (डीसीएचसी) में लगाई गई थी। मगर चिकित्सक और टेक्नीशियन के अभाव में पिछले साल से लेकर इस साल भी चार वेंटिलेटर का लाभ एक भी कोरोना संक्रमित को नहीं मिल सका। वहीं दो वर्ष से दो वेंटिलेटर की पैकिग खोला भी नहीं जा सका।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 10:47 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 10:47 PM (IST)
चिकित्सक के अभाव में सरकारी छह वेंटिलेटर प्राइवेट हॉस्पिटल के हवाले
चिकित्सक के अभाव में सरकारी छह वेंटिलेटर प्राइवेट हॉस्पिटल के हवाले

मधुबनी । कोविड संक्रमितों के लिए प्राणरक्षक के रूप में जिले को मिले छह वेंटिलेटर यहां के एक निजी क्रिब्स अस्पताल को दे दिया गया। बता दें कि पिछले साल जिले को छह वेंटिलेटर की आपूर्ति हुई थी। जिसमें से चार वेंटिलेटर जिले के रामपट्टी स्थित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर (डीसीएचसी) में लगाई गई थी। मगर, चिकित्सक और टेक्नीशियन के अभाव में पिछले साल से लेकर इस साल भी चार वेंटिलेटर का लाभ एक भी कोरोना संक्रमित को नहीं मिल सका। वहीं, दो वर्ष से दो वेंटिलेटर की पैकिग खोला भी नहीं जा सका। इस तरह डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर में इलाज को आने वाले अब तक एक भी कोरोना संक्रमितों को वेंटिलेटर का लाभ नहीं मिला और फिर इसे 17 मई को प्राइवेट हॉस्पिटल को दे दिया गया।

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वेंटिलेटर की निशुल्क सुविधा मिलने पर संशय :

जाहिर है कि सरकारी वेंटिलेटर प्राइवेट हॉस्पिटल को सौंप देने से इसके जरूरतमंदों को प्राइवेट हॉस्पिटल में एक निर्धारित राशि का भुगतान करना होगा। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अब इसका निशुल्क लाभ संभव नहीं हो पाएगा। इसके अलावा कोरोना सहित जिले के अन्य गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को निशुल्क वेंटिलेटर की सुविधा मिलने पर संशय बन गया है।

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कोरोना से 90 लोगो की मौत, किसी को नहीं मिला वेंटिलेटर का लाभ :

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर में इस वर्ष 90 लोगों की मौत हो गई। इनमें से किसी भी लोगों को वेंटिलेटर का लाभ नहीं मिल सका। अगर, वेंटिलेटर का लाभ मिलता तो शायद कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी, मगर ऐसा संभव नहीं हो सका।

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वेंटिलेटर चालू करने के लिए इंजीनियर से किया जा रहा पत्राचार : सीएस

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर में चिकित्सक के अभाव में वेंटिलेटर चालू नहीं हो सका। सरकार के निर्देश के आलोक में वेंटिलेटर क्रिब्स हॉस्पिटल को दे दिया गया है। वेंटिलेटर को चालू करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ क्रिब्स हॉस्पिटल के संचालक द्वारा इंजीनियर से पत्राचार किया जा रहा है। इंजीनियर के आने के बाद ही वेंटिलेटर चालू हो सकेगा।

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