कोचिग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी

शहर के कीर्तन भवन रोड से टाउन क्लब होते हुए महादेव मंदिर तक के बीच संचालित एक दर्जन से अधिक कोचिग सेंटरों को गैर निबंधित होने के बाद भी इसका संचालन धड़ल्ले से जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 May 2019 10:57 PM (IST) Updated:Wed, 29 May 2019 06:25 AM (IST)
कोचिग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी
कोचिग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी

मधुबनी। शहर के कीर्तन भवन रोड से टाउन क्लब होते हुए महादेव मंदिर तक के बीच संचालित एक दर्जन से अधिक कोचिग सेंटरों को गैर निबंधित होने के बाद भी इसका संचालन धड़ल्ले से जारी है। इस मार्ग पर सरकारी एक जर्जर भवन के कई कमरों का उपयोग अवैध रूप से कोचिग सेंटर संचालन के रूप में किया जा रहा है। इन कोचिग सेंटरों पर अबतक किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई की सूचना नही है। शहर में कम किराए पर जर्जर भाड़े के मकानों में तेज गर्मी और चिलचिलाती धूप के बीच एस्वेटेस वाले तंग कमरों में चल रहे कोचिग सेंटरों के बच्चे पसीना बहाते नजर आते है। शिक्षक के लिए लगाए गए टेबल फैन से भी गर्म हवा झुलसा देने वाला साबित होता है। जर्जर भाड़े के मकानों में संचालित कोचिग सेंटरों की छत कब धराशाई हो जाय कहा नही जा सकता। जीर्ण-शीर्ण मकान में संचालित कोचिग सेंटरों की लुंज-पुंज बिजली वायरिग शार्ट-सर्किट की खतरा को बढ़ावा दे रहा है। कोचिग सेंटरों में अगलगी से बचाव के मद्देनजर अग्निशमन यंत्र नहीं देखे जाते। अग्निशमन यंत्र विहीन कोचिग सेंटरों में अनहोनी की आशंका बड़ी हादसा का रूप धारण कर सकता है। शहर में रूकने के बजाय बढ़ता ही जा रहा गैर निबंधित कोचिग सेंटरों का संचालन शिक्षा के नाम पर कोचिग सेंटरों का संचालन का धंधा काफी फल-फुल गया है। कोचिग सेंटरों में संसाधन की कमी देखी जा रही है। ऐसे कोचिग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। कदम-कदम पर चलाए जा रहे अधिकांश कोचिग सेंटर का रजिस्ट्रेशन नही होने के कारण अवैध रूप से संचालित हो रहे है। शहर में संचालित करीब 200 के करीब कोचिग सेंटरों में से एक दर्जन कोचिग सेंटर निबंधित बताया गया है। शेष गैर निबंधित होने के बाद भी इसका धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग की मिलीभगत के कारण शहर में गैर निबंधित कोचिग सेंटरों का धंधा रूकने के बजाय बढ़ता ही जा रही है। सुत्रों का माने तो कोचिग सेंटरों के संचालकों द्वारा शिक्षा विभाग के बाबूओं को प्रतहमाह खुश रखा जाता है। ताकि किसी प्रकार की कार्रवाई से बचा जा सके। अनहोनी होती है तो उस पर काबू पाना आसान नही हो सकता शहर में संचालित अधिकांश कोचिग सेंटरों में पेयजल, शौचालय जैसी सुविधाओं की कमी देखी जाती है। तीन से चार फीट चौड़ी वाले तंग गलियों के अलावा कई भवनों के उपरी तल्ला पर संचालित कोचिग सेंटरों में पढ़ने वाले बच्चों की जान जोखिम में होता है। तंग गलियों वाले कोचिग सेंटरों में किसी अनहोनी के समय अग्निश्मन दस्ता के वाहनों का पहुंचना मुश्किल होता है। ऐसे कोचिग सेंटरों में अग्निश्मन यंत्र नही देखा जाता है। ऐसी स्थिति में अगर किसी प्रकार की अनहोनी होती है तो उस पर काबू पाना आसान नही हो सकता है। स्थानीय फयर स्टेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के कोचिग सेंटरों द्वारा अग्निश्मन यंत्र रखे जाने की सूचना नही है। शहर में संचालित कोचिग सेंटरों की जांच के बाद ही समुचित कार्रवाई संभव हो सकेगा। शहर में कोचिग सेंटरों का धड़ल्ले से खोले जाने के प्रति विभागीय उदासीन शहर के अवकाशप्राप्त शिक्षक रामचनद्र प्रसाद ने बताया कि गैर निबंधित कोचिग सेंटरों की कुव्यवस्था पर प्रशासन को कारगर कदम उठाना चाहिए। शहर के अधिकांश कोचिग सेंटर बगैर निबंधन संचालित हो रहा है। शिक्षा के नाम पर कोचिग सेंटर के व्यापार पर रोक लगाना चाहिए। कोचिग सेंटर के संसाधन की बजाय धन पर ज्यादा ध्यान होता है। अवकाशप्राप्त शिक्षक राजेन्द्र महतो का कहना है कि कोचिग सेंटरों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। सेंटरों में बच्चों के हित की अनदेखी की जा रही है। शहर में कोचिग सेंटरों का धड़ल्ले से खोले जाने के प्रति विभागीय उदासीन बना है। लाइसेंस, भवन व शौचालय जैसी सुविधा विहीन कोचिग सेंटरों का व्यापार बढ़ता जा रही है है। वही छात्र रोहित कुमार ने बताया कि अनेक कोचिग सेंटरों की जर्जर छत होने से पठन-पाठन के समय भय बना रहता है। ऐसे कोचिग सेंटरों के संचालन पर रोक लगना चाहिए। शहर के एक कोचिग सेंटर के संचालक रवीन्द्र कुमार ने बताया कि शहर में गैर निबंधित कोचिग सेंटरों की संख्या पर रोक लगाना चाहिए। 'जिले में गैर निबंधित तथा संसाधन विहीन कोचिग सेंटरों पर विभागीय नियमों के तहत समुचित कार्रवाई की जाएगी। विभाग द्वारा शीघ्र ही जिले में संचालित कोचिग सेंटरों की जांच की जाएगी। गैर निबंधित कोचिग सेंटरों के संचालन पर रोक लगायी जाएगी।'

- श्रीराम कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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