भारत-नेपाल के बीच 15 मई से सवारी ट्रेन के परिचालन की उम्मीद बढ़ी

भारत एवं नेपाल के बीच 15 मई से सवारी ट्रेन का परिचालन प्रारंभ किया जाना लगभग तय हो गया है। जयनगर- जनकपुर -कुर्था रेलखंड पर आगामी 15 मई से सवारी ट्रेन परिचालन प्रारंभ करने के लिए नेपाल सरकार ने तैयार शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:49 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:49 PM (IST)
भारत-नेपाल के बीच 15 मई से सवारी ट्रेन के परिचालन की उम्मीद बढ़ी
भारत-नेपाल के बीच 15 मई से सवारी ट्रेन के परिचालन की उम्मीद बढ़ी

मधुबनी । भारत एवं नेपाल के बीच 15 मई से सवारी ट्रेन का परिचालन प्रारंभ किया जाना लगभग तय हो गया है। जयनगर- जनकपुर -कुर्था रेलखंड पर आगामी 15 मई से सवारी ट्रेन परिचालन प्रारंभ करने के लिए नेपाल सरकार ने तैयार शुरू कर दी गई है। उक्त रेलखंड का जयनगर भारतीय क्षेत्र में तो जनकपुर एवं कुर्था नेपाल में है। ट्रेन परिचालन प्रारंभ किए जाने की खबर से दोनों देश के नागरिकों में प्रसन्नता का माहौल है। नेपाल सरकार के भौतिक योजना एवं निर्माण मंत्री बसंत नेमांग ने जनकपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि जयनगर-जनकपुर रेलखंड पर ट्रेन परिचालन 15 मई से शुरू करने को लेकर तैयारी की जा रही है। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो 15 मई से सवारी गाड़ी का परिचालन प्रारंभ कर दी जाएगी।

भारतीय कोंकण रेलवे नेपाल रेलकर्मी को दे रहा है प्रशिक्षण : मंत्री ने कहा कि कोंकण रेलवे के कर्मियों द्वारा नेपाल रेलकर्मी को सवारी गाड़ी के परिचालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नेपाल सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि ट्रेन परिचालन में कोरोना महामारी के कारण विलंब हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल की ओली सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। ट्रेन परिचालन प्रारंभ हो जाने से भारत और नेपाल के बीच आर्थिक संबंध और भी अधिक प्रगाढ़ होंगे। लंबे समय से बंद है परिचालन: जयनगर -जनकपुर रेलखंड पर दस वर्षों से अधिक समय से सवारी गाड़ी का परिचालन बंद है। वर्ष 2018 में दोनों देश के बीच जयनगर से वर्दीवास वाया जनकपुर तक 65 किलोमीटर में रेलखंड निर्माण को लेकर समझौता हुआ था। भारतीय कंपनी इरकॉन को निर्माण कार्य का जिम्मा सौंपा गया। प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक 31 किलोमीटर में निर्माण कार्य पूरा कर गाड़ी चलाने की योजना पर सहमति बनी। 2014 में ही निर्माण कार्य पूरा किया जाना था। विभिन्न कारणों से निर्माण कार्य में विलंब होता गया। अब जाकर गाड़ी चलाने पर सहमति बनी। नेपाल सरकार द्वारा कोंकण रेलवे से एक जोड़ी सवारी गाड़ी परिचालन के लिए खरीदी गई है।

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