अतिक्रमण का शिकार हो चुका है उच्चैठ भगवती स्थान
मिथिलांचल का सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ उच्चैठ जहां एक ओर शारदीय नवरात्रि की तैयारी में लगा हुआ है।
मधुबनी। मिथिलांचल का सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ उच्चैठ जहां एक ओर शारदीय नवरात्रि की तैयारी में लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर यह सिद्ध स्थल अतिक्रमण गंदगी व बदइंतजामी का शिकार होकर रह गया है। सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान को अबतक पर्यटन स्थल का दर्जा नही मिल सका है। सिद्धपीठ उच्चैठ को कहने के लिए 22 एकड़ का विशाल भूखंड है। लेकिन, सिद्धपीठ के पास महज दो एकड़ भूमि भी खाली नहीं रह गया है। सौन्दर्यीकरण के नाम पर यहां लाखों रुपये खर्च तो किए गए है। लेकिन, इसमें सौन्दर्यीकरण का काम कम और बंदरवांट अधिक हुई है।
अनुमंडल मुख्यालय से महज पांच किलो मीटर की दूरी पर उच्चैठ गांव में सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती विराजमान है। इस सिद्धपीठ के भूखंड पर आए दिन जमीन का अतिक्रमण कर अतिक्रमणकारियों के द्वारा झोपड़ी से लेकर आलीशान घर तक बना लिया गया है। अलबत्ता पदाधिकारियों व अधिकारियों का मौन धारण करना अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ा रहा है। कभी-कभी तो ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि बाहर से आए पर्यटकों को यहां गाड़ी लगाना भी मुश्किल हो जाता है। महत्वपूर्ण है कि शारदीय नवरात्र में बिहार बंगाल व नेपाल से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं मां उच्चैठ भगवती की दर्शन करने यहां आते हैं। सिद्धपीठ उच्चैठ के बाइस एकड़ के विशाल भूखंड के अतिक्रमण से मुक्त कराए जाने की दिशा में प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रही है, जबकि गंदगी व बदइंतजामी से परेशानी उत्पन्न हो रही है। हाथी गेट से उच्चैठ स्थान जाने वाली सड़क की हालत अत्यंत खराब है, जबकि बारिश होने पर सड़क पर बने गड्ढे में पानी की जमाव होने से श्रद्धालु को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शारदीय नवरात्रि की तैयारी जहां जोरों पर चल रही है ।वहीं हाथी गेट से भगवती स्थान परिसर तक जाने वाली सड़क पर पानी व कीचड़ से निजात दिलाने की दिशा में कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। खासकर सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान के भूखण्ड तेजी से अतिक्रमित होती जा रही है। सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान को विकसित करने को लेकर कई बार बैठक हुई लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिख रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ पुरेन्द्र कुमार ¨सह ने बताया कि अतिक्रमण खाली कराए जाने को लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है साथ ही पच्चीस अतिक्रमणकारियों को पूर्व में ही नोटिस जारी की जा चुकी है।