धरती के साथ रोजगार की हरियाली

मधुबनी। हरियाली बहाल रखने के रास्ते रोजगार के दिशा में नर्सरी का संचालन कारगर साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 12:44 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 06:12 AM (IST)
धरती के साथ रोजगार की हरियाली
धरती के साथ रोजगार की हरियाली

मधुबनी। हरियाली बहाल रखने के रास्ते रोजगार के दिशा में नर्सरी का संचालन कारगर साबित हो रहा है। फल-फूल के साथ स्वच्छ वातावरण प्रदान करने वाले पौधे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दे रहे हैं। छोटे-छोटे पौधों की रखवाली कर नर्सरी चलाने वाले लोगो के लिए यह बेहतर कारोबार साबित हो रहा है। नर्सरी चलाने वाले हजारों लोग पौधों के कारोबार से अपने परिवार का पालन-पोषण के साथ बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। करीब 50 लाख आबादी वाले जिले में करीब पांच हजार नर्सरी का संचालन हो रहा है। जिला मुख्यालय में नर्सरी की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। शहरी क्षेत्र के नर्सरी में हाइब्रिड बाले आम, अमरूद, मोसम्मी सहित तरह-तरह के फूल की मांग होती है। वही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नर्सरी में फूल कम आम, कटहल के पौधों की संख्या अधिक होती है। पौधा उत्पादन में अव्वल झिटकी जिले के लौकही प्रखंड के झिटकी सहित आसपास के गांव में बड़े पैमाने पर पौधा उत्पादन का कार्य होता है। इस गांव में पौधा उत्पादन से करीब 200 लोग जुड़े हुए हैं। इस गांव के करीब 150 से अधिक एकड़ में पौधा उत्पादन से प्रति किसान प्रतिवर्ष एक से पांच लाख रुपये की आमदनी कर रहे है। इस गांव से आम के सीजन में प्रतिवर्ष जिला सहित राज्य के अन्य जिलों में करीब 10 लाख आम, कटहल व अन्य फलों के पौधों की आपूर्ति की जाती है। झिटकी गांव के पौधा उत्पादक मिश्रीलाल साह ने बताया कि बाढ़ के दिनों में पौधा को बचाना मुश्किल भरा कार्य होता है। बाढ़ से पौधों को नुकसान की भरपाई के लिए कई दफे जिलाधिकारी से लेकर कृषि मंत्री तक का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। लेकिन इस दिशा में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। झिटकी की मुख्य सड़क की हालत जर्जर होने से पौधा खरीदारी को आने वाले लोगों को भारी परेशानी होती है। पौधा उत्पादकों में कारी साह, रामचंद्र मंडल, महेन्द्र साह, वीरेंद्र कुमार, शिबू कामत सहित अन्य शामिल है। बड़े काम की हरियाली : विधायक

फोटो 6 एमडीबी 10 नगर विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र से जुड़े जिले के अन्य हिस्सों में पौधारोपण के लिए चार वर्षों से लगातार प्रयास जारी रहा है। मधुबनी ग्रामीण कार्य विभाग के नवनिर्मित सड़क एवं प्रस्तावित सड़क किनारे फलदार पौधा लगाने के लिए राज्य के वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर जिले में 175 किमी में कुल 95 स्थलों को चिन्हित कर पौधारोपण का वर्ष 2017 को प्रस्ताव दिया गया था।उन्होंने कहा कि पुराने पेड़ों के संरक्षण की दिशा में काम हो रहा है। पीपल और बरगद जैसे पेड़ 15 फीसद अधिक ऑक्सीजन देते हैं। गर्मी में भी इसके नीचे का तापमान लगभग पांच डिग्री सेल्सियस कम रहता है। बरगद का वृक्ष लंबी आयु तक हजारों टन कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है। यह जलस्तर व जैव विविधता को भी बढ़ाता है। हरियाली के क्षेत्र में रोजगार का बेहतर अवसर

फोटो 6 एमडीबी 11 पौधारोपण कार्य से जुड़े शहर के सुरेश कुमार बैरोलिया ने बताया कि पौधारोपण के क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर का लाभ उठाना चाहिए। बदलते समय में प्रकृति के साथ संतुलन के लिए अधिकाधिक पौधा लगाकर वातावरण को हरा-भरा रखना जरूरी हो गया है।हरियाली किसी भी प्राणियों को जीवन प्रदान करती है। हरियाली नहीं रहेंगे, तो प्रकृति के कोपभाजन का शिकार होना होगा। हमारे आस-पास का क्षेत्र जब हरा-भरा होगा तो जीवन सकून से बीतेगा। इसके लिए सरकारी, निजी जमीनों, नहर, पोखर, नाला, सड़क सहित अन्य जगहों पर सघन पौधारोपण और उसके संरक्षण से हरियाली बहाल रखा जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति अधिक से अधिक पौधा लगाएं और उसके संरक्षण के संकल्प को पूरा करें।

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