सफाई कर्मियों की हड़ताल से एक सप्ताह से कचरा उठाव ठप, नपं क्षेत्र में गंदगी का अंबार

झंझारपुर नगर पंचायत क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का हाल बुरा है। सफाई व्यवस्था मात्र सरकारी राशि की बंदरबांट तक सीमित रह गई है। यही कारण है कि यहां बीते एक दशक के दो कार्यकालों में सफाई व्यवस्था पर मासिक खर्च 18 से 24 हजार की राशि से छलांग लगा कर तकरीबन 14 लाख तक पहुंच गया। लेकिन नियमित सफाई पर लगा ग्रहण समाप्त नहीं हो पाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 10:56 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 10:56 PM (IST)
सफाई कर्मियों की हड़ताल से एक सप्ताह से कचरा उठाव ठप, नपं क्षेत्र में गंदगी का अंबार
सफाई कर्मियों की हड़ताल से एक सप्ताह से कचरा उठाव ठप, नपं क्षेत्र में गंदगी का अंबार

मधुबनी । झंझारपुर नगर पंचायत क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का हाल बुरा है। सफाई व्यवस्था मात्र सरकारी राशि की बंदरबांट तक सीमित रह गई है। यही कारण है कि यहां बीते एक दशक के दो कार्यकालों में सफाई व्यवस्था पर मासिक खर्च 18 से 24 हजार की राशि से छलांग लगा कर तकरीबन 14 लाख तक पहुंच गया। लेकिन, नियमित सफाई पर लगा ग्रहण समाप्त नहीं हो पाया। भले ही नगर को स्वच्छ रखने के लिए प्रत्येक माह तकरीबन 14 लाख खर्च किया जाता है, लेकिन सफाई का आलम देखिए कि एक सप्ताह से नगर पंचायत क्षेत्र की सफाई पूरी तरह ठप है। यहां की सफाई व्यवस्था को देखा जाए तो ऐसा लगता है कि नपं प्रशासन की लगाम या तो सफाई एजेंसी पर से हट गई है अथवा एजेंसी के जिम्मे सफाई कार्य देकर वह कुंभकरणी निद सो रहा है। जिसका परिणाम यह है कि संपूर्ण नपं क्षेत्र में एक सप्ताह से न तो सफाई की जा रही है और न ही डोर टू डोर कचरा का उठाव कार्य ही हो रहा है। जिसके कारण झंझारपुर मुख्य बाजार सहित संपूर्ण नपं क्षेत्र में जगह-जगह कूड़ा जमा हो गया है। सूत्रों की मानें तो सफाई पर मासिक खर्च हो रहे 14 लाख में नपं कर्णधारों में शामिल सभी को हैसियत के मुताबिक नजराना बंधा हुआ है। हालांकि, इस विषय पर सभी संबंधित जवाबदेह चुप्पी साध लेते हैं। सफाई एजेंसी नंदनी वेस्ट मैनेजमेंट के मैनेजर प्रिस राज ने मासिक खर्च का जबाब न देते हुए बताया कि मांगों को लेकर सफाई मजदूर हड़ताल पर चले गए हैं। इसलिए, सफाई कार्य बंद है। स्थानीय लोगों में राम साह, मनीश राउत, संजीव महाजन, अमरेश प्रसाद, अरुण कुमार आदि ने बताया कि यहां का सफाई अभियान मात्र सरकारी राशि की लूट बन कर रह गई है। नपं क्षेत्र में कभी भी नियमित सफाई नहीं होती। जो भी सफाई हो रही थी वह भी इस कोरोना महामारी काल में एक सप्ताह से बंद पड़ी है। यहां कभी भी दो शिफ्टों में सफाई नहीं किया गया। इधर, नपं के ईओ अमित कुमार ने बताया कि सफाई कार्य एजेंसी के द्वारा किया जाता है। सफाई मजदूरों के द्वारा सफाई कार्य का मजदूरी भुगतान को लेकर कुछ समस्या हो गई है। जिसके कारण सफाई कार्य अभी बंद है। समस्या समाप्त होते ही सफाई कार्य पुन: प्रारंभ हो जाएगा। -----------------

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