डा. शिवशंकर श्रीनिवास को मिला वर्ष 2020 का साहित्यिकी सम्मान

पंडौल प्रखंड के सरिसब पाही स्थित लक्ष्मीवती संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में साहित्यिकी की 321वीं बैठक सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. किशोर नाथ झा की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि रामानंद झा रमन ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:20 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:20 PM (IST)
डा. शिवशंकर श्रीनिवास को मिला वर्ष 2020 का साहित्यिकी सम्मान
डा. शिवशंकर श्रीनिवास को मिला वर्ष 2020 का साहित्यिकी सम्मान

मधुबनी । पंडौल प्रखंड के सरिसब पाही स्थित लक्ष्मीवती संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में साहित्यिकी

की 321वीं बैठक सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. किशोर नाथ झा की अध्यक्षता में आयोजित सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि रामानंद झा रमन ने

संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रतिनाथ झा व रिषिनाथ झा ने गोसाऊनि गीत गाया। कार्यक्रम का संचालन अमल कुमार झा ने किया। साहित्यिकी सम्मान

समारोह में वर्ष 2020 का साहित्यिकी सम्मान डॉ. शिव शंकर श्रीनिवास को प्रदान गिया गया। डॉ. जगदीश मिश्र ने साहित्यिकी की ओर से उन्हें सम्मान में पाग, चादर, मोमेंटो, कलम सेट व 5001 रुपये नगद तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। वहीं, साहित्यिकी समाजसेवी पुरस्कार युवा समाजसेवी विक्की मंडल

को दिया गया। प्रो. विद्यानंद झा ने उन्हें मोमेंटों प्रदान कर यह सम्मान दिया। कार्यक्रम को संबोधित

करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. रामानंद झा रमन ने कहा कि साहित्यिकी वर्ष 1994 से नियमित रूप से साहित्यिकारों मासिक गोष्टी कर नए पुराने कवियों व लेखकों को आपस में जोड़ नवसृजन करते हुए

सीखने का एक मंच दे रही है। एक सौ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन व संपादन साहित्यकी के द्वारा

किया जा चुका है। मिथिला व मैथिली के विकास के लिए साहित्यिकी की यह पहल सभी भाषा भाषियों

के लिए अनुकरणीय हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. किशोर नाथ झा ने कहा कि साहित्यिकी

प्रत्येक वर्ष साहित्यिकी सम्मान समारोह आयोजित करती रही है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण समारोह विलंब से आयोजित हुआ है। कार्यक्रम में डॉ. जगदीश मिश्र, प्रो. विद्यानंद झा, डॉ. अशर्फी कामत, डॉ. हीरा नाथ झा, उदय कुमार झा, सती रमन झा, रतिनाथ झा, रिषि नाथ झा, मलय नाथ मित्र

मंडन व उदय झा समेत दर्जनों साहित्यकार उपस्थित थे।

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