डीएम ने अवशेष अग्रिम राशि वापस नहीं करने वाले पंचायत सचिवों से किया शोकॉज

मधुबनी। विभिन्न योजनाओं में ली गई अग्रिम के विरुद्ध मापी पुस्तिका के आधार पर अवशेष राशि जमा नहीं करने वाले तीन पंचायत सचिवों से जिला पदाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने स्पष्टीकरण मांगा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 12:42 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 12:42 AM (IST)
डीएम ने अवशेष अग्रिम राशि वापस नहीं करने वाले पंचायत सचिवों से किया शोकॉज
डीएम ने अवशेष अग्रिम राशि वापस नहीं करने वाले पंचायत सचिवों से किया शोकॉज

मधुबनी। विभिन्न योजनाओं में ली गई अग्रिम के विरुद्ध मापी पुस्तिका के आधार पर अवशेष राशि जमा नहीं करने वाले तीन पंचायत सचिवों से जिला पदाधिकारी डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने स्पष्टीकरण मांगा है। जिन पंचायत सचिवों से स्पष्टीकरण मांगा गया है उनमें बेनीपट्टी प्रखंड की त्यौंथ पंचायत के तत्कालीन पंचायत सचिव राम बहादुर यादव, लक्ष्मी गड़ेरी एवं मुनिंद्र प्रसाद शामिल हैं। पंचायत सचिव रामबहादुर यादव से आठ लाख 70 हजार 994 रुपये, लक्ष्मी गड़ेरी से एक लाख 30 हजार 465 रुपये और तीन लाख 13 हजार 900 रुपये अवशेष अग्रिम राशि वसूल की जानी है। लेकिन, नोटिस निर्गत करने के बाद भी उक्त तीनों पंचायत सचिव संबंधित प्रखंड में अवशेष अग्रिम राशि जमा नहीं किया। जिस कारण इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने उक्त तीनों पंचायत सचिवों से जवाब-तलब किया है। योजनाओं में ली गई अग्रिम राशि अत्यधिक अवधि तक अपने पास लंबित रखे रहने एवं अस्थाई गबन करने के आरोप में स्पष्टीकरण मांगा गया है। डीएम ने चेताया है कि स्पष्टीकरण समर्पित नहीं करने पर दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा एवं उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि बेनीपट्टी के बीडीओ ने डीएम को रिपोर्ट किया था कि बेनीपट्टी प्रखंड की त्यौंथ पंचायत के उक्त तीनों तत्कालीन पंचायत सचिव अपने पदस्थापन कार्यकाल में विभिन्न योजना मद से ली गई अग्रिम राशि लंबी अवधि से अपने पास रखे हुए हैं। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि जनबूझकर सरकार की योजना राशि का गबन कर लिया है। राशि वसूली के लिए बीडीओ द्वारा उक्त पंचायत सचिवों को नोटिस भी जारी किया गया। डीएम से मार्गदर्शन भी मांगा गया। बावजूद, उक्त पंचायत सचिवों ने वसूलनीय अग्रिम राशि प्रखंड में जमा नहीं किया। जिसे स्वेच्छाचारिता करार देते हुए डीएम ने उक्त तीनों पंचायत सचिवों से स्पष्टीकरण मांगा है।

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