चैती दुर्गा पूजा में मेला पर ब्रेक, दुकानदारों को बड़ा नुकसान

मधुबनी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज होने से स्थितियां एक बार फिर बिगड़ने ल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 12:15 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 12:15 AM (IST)
चैती दुर्गा पूजा में मेला पर ब्रेक, दुकानदारों को बड़ा नुकसान
चैती दुर्गा पूजा में मेला पर ब्रेक, दुकानदारों को बड़ा नुकसान

मधुबनी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज होने से स्थितियां एक बार फिर बिगड़ने लगी है। कोरोना गाइडलाइंस के पालन के प्रति जिला प्रशासन की सख्ती से जिले भर में चैती दुर्गा पूजा पर असर पड़ा है। पिछले साल की तरह इस बार भी चैती दूर्गा पूजा में मेला नहीं लग सकेगा। इससे छोटे-छोटे दुकानदारों में मायूसी है। बता दें कि मेले में मिठाई, आइसक्रीम, कपड़े, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, पूजा सामग्री, फूल, प्रसाद, बैलून, शर्बत, मिट्टी के खिलौने सहित अन्य दुकानदारों को बेहतर आमदनी होती रही है। कोरोना गाइडलाइंस के कारण लगातार दूसरे वर्ष भी चैती दुर्गा पूजा पर मेला के आयोजन पर रोक से छोटे-छोटे दुकानदारों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। जिला मुख्यालय सहित जिले के जिले भर में करीब तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर चैती दुर्गा पूजा पर मेला का आयोजन किया जाता था। मेला से हजारों छोटे-छोटे दुकानदारों को हजारों की आमदनी होती थी। करोड़ों का कारोबार होता था। जिस पर फिर से ब्रेक लगता नजर आ रहा है। कोरोना गाइडलाइंस से नवरात्र फीका रहने से छोटे-छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ना लाजिमी है। दस दिवसीय चैती दुर्गा पूजा पर एक जगह मेला में सौ से अधिक छोटे-छोटे दुकानदारों द्वारा प्रतिदिन एक से दो लाख रुपये का कारोबार होता है। इस तरह जिलेभर में मेला से एक करोड़ से अधिक रुपये का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। जाहिर है कि वर्ष 2020 में लॉकडाउन होने से चैती दुर्गा पर मेला के आयोजन पर गाइडलाइंस के ग्रहण से छोटे-छोटे दुकानदारों को बड़ी निराशा हाथ लगी थी। दुर्गा पूजा पर मेला के आयोजन पर रोक से मंदिर आने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो जाती है। जिससे मंदिर की आमदनी प्रभावित होती है। इससे पूजा सामग्री व प्रसाद विक्रेता चितित हो गए है।

- दिनेश गिरी, पुजारी गर्मी के मौसम में चैती दुर्गा पूजा पर मेला का में बड़ी संख्या में पहुंचने वाले लोग शर्बत का सेवन करते थे। जिससे हजारों रुपये की आमदनी होती थी। मेला आमदनी का बेहतर जरिया होता था। कोरोना संक्रमण से मेला के आयोजन पर ब्रेक से निराश है।

- दिनेश साह, शर्बत विक्रेता

चैती दुर्गा पूजा पर मेला बड़ी संख्या में छोटे-छोटे दुकानदारों के लिए आमदनी का जरिया होता है। मगर, इस वर्ष भी चैती दुर्गा कलश स्थापन से पूर्व कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ने से गाइडलाइंस से मेले के आयोजन पर संकट खड़ा हो गया है।

- अजीत कुमार, नाश्ता दुकानदार चैती दुर्गा पूजा सहित किसी विशेष मौके पर मेला के आयोजन का खास महत्व होता है। मेला में दूर-दराज के लोग पहुंचकर मनोरंजन का लुत्फ उठाते रहे हैं। मेला अपनों को एक-दूसरे से मिलने का अवसर भी माना जाता रहा है।

- विनय कुमार वर्मा, समाजसेवी

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