गुरु नानक देव संसार को मानते थे एक घर

मधुबनी। गुरु नानक जयंती पर सोमवार को शहर के भगवती कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:07 PM (IST)
गुरु नानक देव संसार को मानते थे एक घर
गुरु नानक देव संसार को मानते थे एक घर

मधुबनी। गुरु नानक जयंती पर सोमवार को शहर के भगवती कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार में दिनभर धार्मिक माहौल बना रहा। सुबह में शहर में प्रभातफेरी निकाली गई। प्रभातफेरी में खासकर महिला श्रद्धालुओं द्वारा गाए जा रहे भजनों से शहर में भक्तिमय वातावरण बना रहा। 'जो बोले सो निहाल, सत् श्री अकाल' के उद्घोष के बीच शाम में गुरुद्वारा में अरदास, भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। देर संध्या लंगर में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारा को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया था। पालकी साहब स्थान पर पहुंच कर श्रद्धालु प्रार्थना कर रहे थे। गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार कमेटी के तत्वावधान में गुरुद्वारा में आयोजित विविध कार्यक्रम में कमेटी के अध्यक्ष सरदार मनमीत सिंह, सचिव मनप्रीत सिंह, सरदार हरभजन सिंह, नवनीत सिंह, निर्मल सिंह, वीरेंद्र सिंह, मोहन सिंह, रणवीर सिंह, सतवींदर कौर, रानी कौर, हरभजन कौर, परमजीत कौर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। मौके पर गुरुद्वारा ग्रंथी सरदार मनजीत सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव के उपदेश को अमल में निश्चित रूप से लाना चाहिए। गुरु नानक देव भाईचारा के लिए कई उपदेश दिए। गुरु नानक देव के उपदेश को अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपना जीवन संवार सकते है। श्रद्धालुओं को गुरु नानक देव के उपदेश को अमल में निश्चित रूप से लाना चाहिए। गुरु नानक देव के उपदेशों में सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए। तनाव मुक्त रहकर अपने कर्म को निरंतर करते सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों और बुराइयों पर विजय पाना चाहिए। विनम्र होकर सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए। लोगों को प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश देना चाहिए। गुरु नानक देव पूरे संसार को एक घर मानते थे, जबकि संसार में रहने वाले लोगों को एक ही परिवार का हिस्सा।

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